राजस्थान के बीकानेर जेल में कैदियों के बीच गैंगवार, तीन की हत्या

Last Updated 24 Jul 2014 09:24:02 PM IST

बीकानेर के केन्द्रीय कारागृह में गुरुवार को कैदियों के दो गुटों में खूनी संघर्ष हुआ जिसमें कुल तीन कैदियों की मौत हो गई.


कैदियों के बीच गैंगवार, तीन की हत्या (फाइल फोटो)

बीकानेर के केन्द्रीय कारागृह में गुरुवार को कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक कैदी ने दूसरे की गोली मार कर हत्या कर दी, जबकि दो कैदियों की पीटकर और ईंट पत्थर मारकर हत्या कर दी गयी तथा चार कैदी घायल हो गये.

पुलिस उप महानिरीक्षक (जेल) दलिप जाखड ने बताया कि कैदियों की गैंगवार में कैदी जय प्रकाश ने कैदी बलवीर बानूडा की गोली मारकर हत्या कर दी. गैंगवार में अन्य कैदियों ने बलवीर बानूडा को गोली मारने वाले जयप्रकाश और रामपाल की ईंट पत्थर मार-मार कर तथा पीट-पीट कर हत्या कर दी. तीनों ने जेल में ही दम तोड दिया.

उन्होंने बताया कि गैंगवार में चार अन्य कैदी घायल हो गये हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है. कैदी जय प्रकाश ने देशी कट्टे से बलवीर बानूडा को गोली मारी, जिससे उसने मौके पर दम तोड दिया. जेल सूत्रों के अनुसार कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह को भी छर्रे लगे है.

जाखड ने बताया कि गैंगवार के बाद केन्द्रीय कारागृह के बैरकों की सघन तलाशी अभियान चलाकर जांच की गई है.

जेल सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय कारागृह में कैदियों में गैंगवार की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गये है. कुख्यात और गैंगवार से जुडे कैदियों को अलग अलग बैरकों में बंद किया गया है.

गौरतलब है कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह और अन्य अपराधियों में लम्बे समय से गैंगवार की सूचना मिल रही थी. सीकर जेल में भी आनंदपाल सिंह और कैदियों के दूसरे गुट में खूनी संघर्ष के बाद आनंदपाल सिंह समेत कई कैदियों को अन्य जेलों में स्थानान्तरित किया गया था.

जाखड ने बताया, ''बैरक में अन्य हथियारों की खोजबीन की जा रही है और दूसरे गिरोह के सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, जिससे संभावित संघर्ष को रोका जा सके.''

बलबीर और आनंदपाल सिंह शेखावटी क्षेत्र में आने वाले सीकर, झुंझुनूं, चूरू और नागौर के कुछ हिस्सों में शराब माफिया के रूप में कुख्यात हैं.

बानूडा ने 2006 में जाट महासभा के नेता गोपाल फोगावट की हत्या कर दी थी और उस पर एक लाख का नकद ईनाम घोषित किया गया था. जयपुर एसओजी ने 2012 में उसे 7.5 लाख रूपये नकद और एक सेमी आटोमेटिक पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया था.  उसके कुछ महीनों बाद एटीएस और एसओजी ने आनंदपाल सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया था. उस पर भी एक लाख का ईनाम घोषित था और उसे जयपुर के दूरस्थ इलाकों से एके 47 राइफल के साथ गिरफ्तार किया गया था.

जयप्रकाश और रामपाल विरोधी गिरोह के सदस्य थे, जिसे कुख्यात बदमाश राजू चलाता था. उसे सीकर में जनवरी में एक अन्य कैदी सुभाष मूंड ने गोली मार दी थी और घायल अवस्था में उसे जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में सुरक्षा कारणों के चलते सीकर जेल से जयपुर जेल में स्थानांतरित किया गया था.



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