फिर आंदोलन पर गुर्जर बैंसला ने डाला महापड़ाव
करीब एक साल की चुप्पी के बाद आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान के गुर्जर फिर सड़कों पर उतर आए हैं.
|
राज्य सरकार को दिए गए अल्टीमेटम की अवधि समाप्त होते ही अपने नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अगुआई में करीब दस हजार गुर्जरों ने बुधवार देर शाम से सवाई माधोपुर जिले की खंडार तहसील के छाण गांव में श्योपुर हाईवे के पास एक खेल मैदान पर बेमियादी महापड़ाव डाल दिया है.
हालांकि अभी उन्होंने नेशनल हाईवे को जाम नहीं किया है. गुर्जरों के इस आकस्मिक कदम के बाद गृह मंत्रालय ने पुलिस और राजस्थान सशस्त्र बल (आरएसी) की टुकड़ियों को महापड़ाव स्थल की ओर रवाना कर दिया है.
इधर, जयपुर में गुर्जर आंदोलन से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुलिस एवं प्रशासन के आला अफसरों के साथ मंतण्रा कर रहे हैं. उधर गुर्जरों ने बृहस्पतिवार से आंदोलन को प्रदेशभर में शुरू करने, प्रमुख राजमार्गों और रेल मागरे पर जाम लगाने की घोषणा की है.
जिस स्थान पर महापड़ाव डाला गया है वहां इससे पहले सुबह ग्यारह बजे से बैंसला के नेतृत्व में गुर्जरों की महापंचायत चल रही थी. महापंचायत में गुर्जरों को विशेष कोटे में पांच प्रतिशत आरक्षण देने की मांग नहीं मानने के लिए राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की गई.
वक्ताओं ने इस बात पर रोष जताया कि सरकार जान-बूझकर मामले को लंबा खींच रही है और एक साल बीतने के बावजूद हाईकोर्ट को गुर्जरों की संख्या, आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक स्थिति पर आंकड़े उपलब्ध नहीं करा रही है.
कर्नल बैंसला ने चेतावनी दी कि इस बार गुर्जर अपना हक लेकर ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि पांच में से एक प्रतिशत आरक्षण सरकार उन्हें दे चुकी है लेकिन अब शेष चार प्रतिशत आरक्षण मिलने तक सरकार के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हम सरकार को दस दिन पहले ही अल्टीमेटम दे चुके थे लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. लिहाजा मजबूर होकर गुर्जर समाज को एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी.
उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार से प्रदेश के सभी गुर्जर बाहुल्य इलाकों अजमेर, दौसा, भरतपुर, बूंदी, टोंक, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर व करौली में आंदोलन को तेज किया जाएगा और इस बार सरकार को झुकाकर ही रहेंगे.
महापड़ाव में सवाई माधोपुर की जिला प्रमुख सुनीता गुर्जर, खंडार पंचायत समिति के प्रधान गिरिराज गुर्जर, गुर्जर समाज के सवाई माधोपुर जिलाध्यक्ष गिर्राज के साथ ही गुर्जर नेता कमलेश गुर्जर, वीरेन्द्र सिंह धाबाई, मिट्ठूसिंह गुर्जर, रंगलाल सहित आसपास के गांवों के पंच-पटेल भी शामिल हैं.
आंदोलन शुरू होने की जानकारी मिलने के साथ ही गुर्जर बहुल इलाकों से बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने खंडार की तरफ कूच शुरू कर दिया है.
| Tweet |