त्रिपुरा के दो उग्रवादी संगठनों और सहयोगी समूहों पर 5 साल का प्रतिबंध
केंद्र सरकार ने त्रिपुरा के उग्रवादी संगठनों नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के साथ-साथ उनके सहयोगी संगठनों पर विभिन्न विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने और देश की अखंडता एवं संप्रभुता को खतरे में डालने के लिए 5 साल का प्रतिबंध लगा दिया है।
![]() केंद्र ने त्रिपुरा के दो उग्रवादी संगठनों और सहयोगी समूहों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया |
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि एनएलएफटी और एटीटीएफ का मकसद इस उत्तर पूर्व राज्य के अन्य सशस्त्र अलगाववादी संगठनों के साथ मिलकर सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से त्रिपुरा को भारत से अलग करना और एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना करना और इस राज्य के मूल निवासियों को इस पृथक्करण के लिए भड़काना है।
मंत्रालय के अनुसार केंद्र की राय है कि एनएलएफटी और एटीटीएफ विध्वंसक और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं और इस तरह वे सरकार के अधिकारों की अवज्ञा करने एवं अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए जनता के बीच आतंकवाद एवं हिंसा के प्रसार में शामिल रहे हैं।
उसने कहा कि दोनों संगठनों ने विगत दिनों में ऐसी हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए नुकसानदेह हैं।
अधिसूचना में कहा गया कि ये समूह आम नागरिकों तथा पुलिस और सुरक्षा बलों के कर्मियों की हत्या में भी शामिल हैं और व्यापारियों, उद्यमियों समेत जनता से धन की वसूली में भी इनकी संलिप्तता रही है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार इन संगठनों पर प्रतिबंध पांच साल के लिए प्रभावी रहेगा।
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