ममता ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम पर चल रही बहस को 'न्यायपालिका में हस्तक्षेप' करार दिया

Last Updated 17 Jan 2023 08:15:35 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम पर चल रही बहस में उतरते हुए इस मामले में केंद्र सरकार के रुख को 'न्यायपालिका में हस्तक्षेप' करार दिया।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी संयोग से ऐसे समय आई है, जब कलकत्ता हाईकोर्ट में दो याचिकाओं पर चल रही सुनवाई के समय तृणमूल कांग्रेस के करीबी वकीलों के एक वर्ग ने न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की अदालत के सामने हंगामा किया था और जस्टिस मंथा के आवास के सामने लगे अपमानजनक पोस्टर लगाए जाने की घटना सामने आई है।

ममता ने मेघालय में एक रैली में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले मीडियाकर्मियों से कहा, "केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में अपने प्रतिनिधि को धकेलने की कोशिश करके न्यायपालिका में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रही है। अदालत मंदिर या चर्च की तरह पवित्र है। न्यायपालिका में कोई भी हस्तक्षेप अंतत: देश के लोकतांत्रिक ढांचे को प्रभावित करेगा। हम न्यायपालिका की पूर्ण स्वतंत्रता चाहते हैं।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी देने में केंद्र सरकार द्वारा अपनाई जा रही प्रणाली मनमानी है। उन्होंने दावा किया, "जब केंद्र सरकार को लगता है कि संबंधित न्यायाधीश उसके प्रति नरम रहेगा, तब नियुक्ति के लिए न्यायाधीश के नाम को एक महीने में ही मंजूरी दे दी जाती है, जबकि अन्य के मामले में मंजूरी प्रक्रिया में तीन महीने की देरी की जाती है।"

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर केंद्र सरकार की कुछ योजना है। हालांकि, उन्होंने मंगलवार को न्यायमूर्ति मंथा की अदालत पर हुए हालिया उपद्रव के संबंध में पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।

हालांकि, राज्य भाजपा के एक प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि मुख्यमंत्री अनावश्यक रूप से इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, "देश में न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है। लेकिन मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी न्यायपालिका को प्रभावित करने और डराने की कोशिश कर रही है। जस्टिस मंथा के आवास के सामने बदनाम करने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। इस तरह का माहौल भारत में कहीं भी नहीं देखा गया है। तृणमूल कांग्रेस के नेता हर दिन न्यायपालिका पर हमला कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अब ऐसी बातें इसलिए कह रही हैं, क्योंकि वह कलकत्ता हाईकोर्ट की निगरानी में भ्रष्टाचार के विभिन्न मुद्दों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा चल रही जांच को प्रभावित करना चाहती हैं।"

आईएएनएस
कोलकाता


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