बंगाल विधानसभा उपचुनाव: तृणमूल की हैट्रिक जीत पर ममता ने कहा- एनआरसी के खिलाफ जनादेश
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि विधानसभा उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस को मिली जीत ‘धर्मनिरपेक्षता और एकता’ के पक्ष में और ‘‘एनआरसी’’ के खिलाफ जनादेश है।
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तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा अपने अहंकार और राज्य के लोगों को ‘‘अपमानित’’ करने का परिणाम भुगत रही है।
ममता ने कहा, ‘‘उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। भाजपा को नहीं सोचना चाहिए कि देश के लोग बहुमत (भाजपा के पास) नहीं होने के बावजूद राज्यों में सरकार गठन के उसके धौंस जमाने वाले तौर तरीकों को स्वीकार कर लेंगे।’’
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के तपन देब सिन्हा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भाजपा उम्मीदवार कमल चंद्र सरकार को कालियागंज सीट पर 2417 वोटों के अंतर से हरा दिया।
टीएमसी उम्मीदवार प्रदीप सरकार ने खड़गपुर सदर सीट जीत ली है। उन्होंने भाजपा के प्रेम चंद्र झा को 20,788 वोटों के अंतर से हराया। तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार बिमलेंदु सिन्हा रॉय ने भी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के उम्मीदवार को 24,073 मतों से हराकर करीमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीत लिया है।
सत्तारूढ पार्टी ने करीमपुर सीट पर भी अपराजेय बढत बना ली है। इस सीट पर तृणमूल उम्मीदवार बिमलेंदु सिन्हा रॉय ने भाजपा के जय प्रकाश मजूमदार पर 23,000 वोटों के अंतर से बढत बना ली है।
ममता ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘हम इस जीत का श्रेय बंगाल की जनता को देते हैं। भाजपा अपने अहंकार और बंगाल के लोगों को अपमानित करने का परिणाम भुगत रही है। लोगों ने उसे सिरे से खारिज कर दिया है। वह (भाजपा) इस देश के नागरिकों को शरणार्थी घोषित करने और उन्हें हिरासत केंद्रों में भेजना चाहती है।’’ उन्होंने कहा कि माकपा और कांग्रेस खुद को मजबूत करने के बजाय पश्चिम बंगाल में भाजपा की मदद कर रही हैं।
रोजगार सृजन में नाकाम रहने और धर्म की राजनीति करने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा के हालिया विधानसभा चुनाव तथा बंगाल विधानसभा उपचुनाव के नतीजे भाजपा के खिलाफ लोगों के आक्रोश को प्रदर्शित करते हैं।
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