केन्द्रीय मंत्री नड्डा पहुंचे गोरखपुर: सीएम योगी के साथ किया बीआरडी अस्पताल का दौरा

Last Updated 13 Aug 2017 12:20:37 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल आज गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचे


फाइल फोटो

पिछले पांच दिनों के दौरान मेडिकल कालेज में 65 बच्चों की मृत्यु हो गयी थी. आरोप है कि आक्सीजन की कमी के कारण बच्चों की मौते हुई. हालात का जायजा लेने के लिये मुख्यमंत्री योगी तथा दो केन्द्रीय मंत्री मेडिकल कालेज पहुंच गये हैं.

योगी तथा दो केन्द्रीय मंत्रियों ने मरीजों तथा उनके परिजनों से मेडिकल कालेज में मुलाकात की और वहां के हालातों के बारे में जानकारी ली .
      
मेडिकल कालेज के परिसर में इनका काफिला पहुचने पर उस समय अफरातफरी मच गयी जब उनके सामने देवरिया निवासी भिखारी लाल के चार वर्षीय बेटे सुमित (04) की मृत्यु हो गयी. वह इंसेफलाइटिस से ग्रसित था. अस्पताल में गत पांच अगस्त को भर्ती हुआ था.
      
देवारिया निवासी भिखारी लाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल में थोड़ी बहुत दवा मिलती है बाकि दवाईयां बाहर से लानी पड़ती है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री योगी के साथ खास तौर से अस्पताल के इन्सेफलाइटिस वार्ड को देखने गए जहां कथित रूप से आक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण सात अगस्त से 11 अगस्त के बीच 60 मासूमों की मौत होने की बात राज्य सरकार ने खुद कबूली है.

नड्डा और मुख्यमंत्री ने अस्पताल में मरीजों को देखा और डाक्टरों से बातचीत की. दोनों ने अस्पताल में आक्सीजन की आपूर्ति के इंतजामों के साथ ही वहां अन्य सुविधाओं का भी जायजा लिया. नड्डा और योगी के साथ राज्य के शिक्षा चिकित्सा मंत्री आशुतोष टंडन और मुख्य सचिव भी मौजूद थे.
      
अस्पताल में बड़ी संख्या में मासूमों की मौत को लेकर मचे हंगामे के बाद कल देर शाम आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने हालांकि इस बात से इन्कार किया कि सारी मौतें आक्सीजन बाधित होने की वजह से हुई. उन्होंने बच्चों की मौत के लिए अलग-अलग कारण गिनाए  लेकिन साथ ही यह भी कहा अगर जांच में यह पता चला कि आक्सीजन की कमी से मृत्यु हुई है तो यह एक जघन्य अपराध होगा. इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.


       
उन्होंने कहा कि गोरखपुर की खबरों को पढ़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चिंतित हुए हैं, इसीलिए उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल को वहां भेजा है. मोदी ने आश्वस्त किया है कि धन की कमी की वजह से किसी की जान नहीं जाने दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आंकडों का सही प्रकाशन होना चाहिए. सात अगस्त को नौ, आठ अगस्त को 12, नौ अगस्त को नौ, 10 अगस्त को 23 और 11 अगस्त को सात बच्चों की मृत्यु हुई है.
       
घटना के खिलाफ पहली कार्रवाई करते हुए मेडिकल कालेज अस्पताल के प्रधानाचार्य को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. गोरखपुर के डिविजनल मजिस्ट्रेट राजीव राउतेला को 24 घंटे के अंदर मामले की रिपोर्ट सौंपने का आदेश भी दिया गया था.

खबर है कि राउतेला ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें कहा गया है कि साढ़े ज्ञारह बजे से रात डेढ़ बजे के बीच अस्पताल में लिक्विड आक्सीजन की आपूर्ति बाधित हुई थी.
       
विपक्षी दलों ने बच्चों की मौत को सरकार की बड़ी लापरवाही करार देते हुए मुख्यमंी से इस्तीफे की मांग की है.

 

 

वार्ता


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