महाराष्ट्र विधानसभा से विपक्ष के 19 विधायक निलंबित

Last Updated 22 Mar 2017 01:48:07 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा में गत सप्ताह बजट पेश किये जाने के दौरान हंगामा करने के कारण विपक्षी दल कांग्रेस और राकांपा के 19 विधायकों को सदन से नौ महीने के लिए बुधवार को निलंबित कर दिया गया.


(फाइल फोटो)

संसदीय मामलों के मंत्री गिरिश बापट ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया और उसे विधानसभा ने स्वीकार कर लिया. इसके बाद कांग्रेस के नौ और राकांपा के 10 सदस्यों को 31 दिसंबर तक सदन से निलंबित कर दिया गया.

विपक्षी सदस्यों ने किसानों का कर्ज माफ किये जाने की मांग को लेकर 18 मार्च को विधानसभा में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा बजट पेश किये जाने में बाधा पैदा की थी.

बापट ने कहा कि विपक्षी विधायकों ने ‘शर्मनाक और असंवैधानिक तरीके’ से व्यवहार किया.

उन्होंने कहा कि हर किसी को अभिव्यक्ति का अधिकार है लेकिन राज्य के बजट की प्रति को सदन के बाहर जलाने की घटना कभी नहीं हुयी.

उन्होंने कहा कि सदस्यों को बैनर दिखाने, झांझ बजाने, नारे लगाने और अध्यक्ष के निर्देशों का निरादर करने के लिए निलंबित किया गया है.

जिन विधायकों को निलंबित किया गया है उनमें कांग्रेस के अमर काले, विजय वाडेतिवार, हषर्वर्धन सकपाल, अब्दुल सत्तार, डी पी सावंत, संग्राम थोप्टे, अमित जनक, कुणाल पाटिल, जयकुमार गोरे और राकांपा के भास्कर जाधव, जितेंद्र अवहाद, मधुसूदन केंद्रे, संग्राम जगतप, अवधूत तटकरे, दीपक चव्हाण, दत्ता भरने, नरहरी जीरवल, वैभव पिचाड और राहुल जगतप शामिल हैं.

विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार सभी विपक्षी विधायकों को निलंबित कर सकती है लेकिन वे किसानों के मुद्दे उठाते रहेंगे.

विशेष सत्र के लिए सदन की बैठक सुबह 10 बजे शुरू होने पर निलंबन की घोषणा की गई.

विखे पाटिल ने कहा कि विपक्ष तब तक कार्यवाही का बहिष्कार करेगा जब तक निलंबन हटा नहीं दिया जाता.

विपक्ष के सदस्यों की गैरमौजूदगी में पूर्वाह्न 11 बजे प्रश्नकाल आरंभ हुआ.

बजट सत्र एक पखवाड़ा पहले शुरू हुआ था, तब से विधानसभा की कार्यवाही में किसानों की रिण माफी का मामला छाया हुआ है. विपक्ष पिछले कुछ वर्षों में लगातार सूखे और किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ने के मद्देनजर किसानों के लिए राहत की मांग कर रहा है.
  

 

भाषा


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