हिमाचल प्रदेश में चिकित्सकों की हड़ताल
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और औषधालयों में सोमवार को चिकित्सक एक दिवसीय हड़ताल पर चले गए, जिससे मरीजों की देखभाल से संबंधित सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं.
(फाइल फोटो) |
सिर्फ आकस्मिक सेवा और आपात सर्जरी की सेवाएं दी जा रही हैं. यह हड़ताल हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन (एचएमओए) के आह्वान पर की गई है. इसमें डॉक्टरों की सुरक्षा और भुगतान में समानता की मांग शामिल है.
शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय और कांगड़ा जिले के टांडा में राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज हड़ताल से अनजान थे.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि 700 से ज्यादा सरकारी चिकित्सालयों और औषधालयों के डॉक्टर हड़ताल पर रहे.
एचएमओए अध्यक्ष जीवानंद चौहान ने कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा तय करने में सरकार की विफलता ने उन्हें हड़ताल पर जाने को मजबूर किया.
उन्होंने कहा, "बीते चार साल से हम ड्यूटी पर डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार इस मुद्दे पर चुप है."
एसोसिएशन का दावा है कि राजनीतिक रूप से जुड़े एक व्यक्ति द्वारा अपमानित होने के बाद ऊना के एक डॉक्टर को दिल का दौरा पड़ा.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ने कहा कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है. सरकार बजट सत्र में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर एक विधेयक ला रही है.
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