सिंगुर पर फैसले की तृणमूल ने की सराहना, ममता ने फैसले को ‘ऐतिहासिक जीत’ करार दिया

Last Updated 01 Sep 2016 09:40:06 AM IST

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सिंगुर भूमि अधिग्रहण मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का बुधवार को स्वागत किया. पार्टी ने कहा कि यह भूमि अधिग्रहण के इस तरह के सभी मामलों में आंखें खोलने वाला होगा.


सिंगुर पर फैसले की तृणमूल ने की सराहना (फाइल फोटो)

उधर, सिंगूर में टाटा मोटर के संयंत्र के लिए जमीन के ‘जबरन’ अधिग्रहण के लिए माकपा ने माफी मांगने से इंकार कर दिया. पार्टी के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि भूमि का अधिग्रहण 1894 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार था.

तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बंदोपाध्याय ने कहा, यह एक लंबी राजनैतिक और कानूनी लड़ाई है जिसे हम जनहित में लड़ रहे हैं. मुझे खुशी है क्योंकि यह फैसला सभी तरह के भूमि अधिग्रहण के संबंध में आंखें खोलने जा रहा है. बंदोपाध्याय ने पार्टी की तरफ से कानूनी लड़ाई की अगुवाई की थी.

शीर्ष अदालत ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसके तहत पश्चिम बंगाल के सिंगुर में टाटा के नैनो संयंत्र के लिए भूमि अधिग्रहण को बरकरार रखा गया था. बंदोपाध्याय ने कहा, हमारी नेता ममता बनर्जी अवैध भूमि अधिग्रहण के खिलाफ 26 दिनों तक अनशन पर थीं.

लोगों ने 2009 और 2011 में टाटा मोटर्स के पक्ष में भूमि अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ अपना फैसला सुनाया. उन्होंने कहा, 10 साल की लड़ाई के बाद शीर्ष अदालत ने सफलतापूर्वक इस हद तक हमारे रुख पर मुहर लगाई कि अधिग्रहण अवैध था.

फैसले में शीर्ष अदालत ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रि या में त्रुटि पाने के बाद राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे आज से 12 सप्ताह के भीतर किसानों को अधिग्रहण की गई जमीन लौटाए.

ममता ने सिंगूर पर उच्च न्यायालय के फैसले को ‘ऐतिहासिक जीत’ करार दिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिंगूर भूमि अधिग्रहण के बारे में उच्चतम न्यायालय के फैसले को आज ‘‘ऐतिहासिक जीत’’ करार दिया. तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार ने टाटा की नैनो कार परियोजना के लिये सिंगूर में भूमि अधिग्रहण किया था. टाटा मोटर्स का कहना है कि वह कोई भी टिप्पणी से पहले फैसले का अध्ययन करेगी.
   
ममता ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘सिंगूर पर उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक जीत है. इस फैसले के लिये हमने 10 साल प्रतीक्षा की है. अब मैं चैन से मर सकूंगी, मैं (इस फैसले से) बहुत खुश हूं.’
  
ममता ने इस भूमि अधिग्रहण के खिलाफ बड़ा राजनीतिक अभियान चलाया था जिसके चलते टाटा समूह को 2008 में अपनी इस परियोजना को छोड़ना पड़ा. ममता ने कहा कि उनकी सरकार शीर्ष अदालत के निर्देशानुसार किसानों को उनकी जमीन लौटाने के लिये जल्द ही व्यवस्था करेगी.
   
उन्होंने कहा,‘ हम गुरूवार को रणनीतिक बैठक करेंगे कि न्यायालय के फैसले को कैसे कार्यान्वित किया जाए.’
   
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति अरण मिश्र और वी. गोपाल गौड़ा की खंडपीठ के आज के फैसले में सिंगूर में की गई भूमि अधिग्रहण प्रक्रि या को गड़बड़ करार दिया और कहा कि यह भूमि अधिग्रहण सार्वजनिक उद्देश्य के लिये नहीं था.
  
न्यायालय ने कहा है कि किसानों को उनकी जमीन 12 सप्ताह के भीतर लौटा दी जानी चाहिये. ममता ने कहा, ‘‘शुरू से ही हम कह रहे हैं कि भूमि अधिग्रहण का तरीका ठीक नहीं है और किसानों से जमीन जबरदस्ती ली गई है.’’
  
ममता ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ तब उन्होंने शहर में भूख हड़ताल की थी जो कि 26 दिन चली थी.
   
वहीं टाटा मोटर्स ने कहा है कि सिंगूर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कोई टिप्पणी करने से पहले वह इसका विस्तृत अध्ययन करेगी. कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘जिस मामले में आज फैसला आया है, वह टाटा मोटर्स को पट्टे पर दिये जाने से पहले राज्य सरकार :पश्चिम बंगाल सरकार: द्वारा जमीन के अधिग्रहण से जुड़ा है.’

बयान के अनुसार, ‘‘हमारा मामला 2011 के सिंगूर कानून से संबंधित है और उसपर अभी शीर्ष अदालत को सुनवाई करनी है. हम आज के फैसले पर कोई टिप्पणी करने से पहले उसका विस्तार से अध्ययन करेंगे.’

इस बीच माकपा ने सिंगूर में ‘जबरदस्ती’ भूमि अधिग्रहण के लिए किसी तरह की ‘माफी मांगने’ की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि जमीन का अधिग्रहण 1894 के जमीन अधिग्रहण कानून के अनुसार किया गया था.



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