पंजाब में तीन महीने बाद सडकों पर नहीं दिखेंगी गायें: आयोग

Last Updated 25 Aug 2016 04:35:21 PM IST

पंजाब गौसेवा आयोग ने कहा है कि राज्य में सड़कों पर भटकते आवारा अथवा लावारिस गौ धन के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार सूबे के सभी 22 जिलों में औसतन दो-दो करोड रूपये की लागत से एक एक गौशाला का निर्माण करवा रही है.


(फाइल फोटो)

उन्होंने कहा कि ये गौशाला अगले तीन महीने में बन कर तैयार हो जाएंगी और इस समय अवधि के बाद राज्य की सड़कों पर किसी भी गौधन को नहीं भटकने दिया जाएगा.

पंजाब गौसेवा आयोग के चेयरमैन कीमती लाल भगत ने कहा, ‘पंजाब सरकार आयोग की देख रेख में राज्य के सभी 22 जिलों में एक एक गौशाला का निर्माण करवा रही है. इस पर 44 करोड रुपये खर्च किये जायेंगे और राज्य सरकार ने ये राशि जारी कर दी है.’

भगत ने बताया, ‘सडकों पर भटकते एक लाख छह हजार से अधिक गौधन के पुनर्वास के लिए आयोग पूरी तरह प्रतिबद्ध है. मैने गौशाला के बारे में पंजाब सरकार के पास अपनी योजना रखी थी जिस पर मुख्यमंत्री ने न केवल मुहर लगायी बल्कि इसके लिए 22 करोड रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी.’ 

उन्होंने बताया, ‘रविवार को दोबारा मेरी मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई और गौशाला निर्माण की प्रगति रिपोर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने 22 करोड रुपये की दूसरी किस्त भी जारी कर दी. इस तरह प्रदेश के सभी 22 जिलों में औसतन दो-दो करोड रुपये खर्च कर गौशाला का निर्माण कार्य करवया जा रहा है.

चेयरमैन ने बताया कि अगले तीन महीने में यह पूरी तरह बन कर न केवल तैयार हो जाएगी बल्कि सडकों पर भटकते गौधन को भी वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

एक अन्य सवाल पर भगत ने बताया, ‘गौशाला के लिए हमने राज्य सरकार से प्रत्येक जिले के लिए 25-25 एकड भूमि की मांग की थी. कुछ जिलों में 25 एकड भूमि में गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है और कुछ जिलों में भूमि की अनुपलब्धता होने के कारण इसका निर्माण 15 से 25 एकड क्षेत्र में करवाया जा रहा है.

दरअसल, पंजाब सरकार के स्थानीय निकाय विभाग ने इस साल बिजली, पेट्रोलियम पदार्थ और शराब सहित अन्य वस्तुओं पर काउ सेस लगाने का ऐलान किया था, जिसकी वसूली अब शुरू हो चुकी है और फिर भी गायें सडकों पर घूम रही है, जिससे सडक हादसों का खतरा बना रहता है. इसी बारे में पूछने पर आयोग का यह बयान आया है.

आयोग के चेयरमैन ने यह भी बताया, ‘बठिंडा और मोहाली में पाइलट योजना के तौर पर सेस की वसूली शुरू की जा चुकी है और जालंधर सहित अन्य जिलों में अब शुरू की गयी है. इन स्थानों से धन आने में अभी दो तीन महीने लगेंगे. इसके बाद सब ठीक हो जाएगा.’

भगत ने कहा, ‘तीन महीने बाद कोई भी गौधन सडकों पर लावारिस हालात में नहीं घूमेंगी. सडकों पर घूमने वाली एक लाख छह हजार से अधिक लावारिस गौधन तथा राज्य के विभिन्न इलाकों में शेल्टर में रहने वाली तकरीबन ढाई लाख से अधिक गायों को इन गौशालों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

उन्होंने अनुमान के तौर पर बताया कि पिछले दो साल में सडक पर भटकने वाले मवेशियों के चलते हुए हादसों में तकरीबन 285 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवायी है.



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