नेकां, कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित किया, सदन से वाकआउट किया

Last Updated 25 May 2016 09:08:50 PM IST

जम्मू कश्मीर विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत बुधवार को हंगामेदार रही.


नेकां, कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित किया.

विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने आज आफस्पा, \'राशन की कमी\' सहित विभिन्न मुद्दों के विरोध में जम्मू कश्मीर विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण को बाधित किया और सदन से उठकर चले गये.

सरकार ने विपक्षी पार्टियों के बर्ताव की आलोचना की. उन्होंने कहा कि उन्हें पहले राज्यपाल के अभिभाषण को सुनना चाहिए था और तब लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए थी.

\"\"राज्यपाल एन एन वोहरा जैसे ही विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों को संबोधित करने के लिए खड़े हुए, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस विधायक भी खड़े हो गये.
   
नेशनल कांफ्रेंस के सदस्यों ने राज्य में लगाए गये विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) को हटाने की मांग करते हुए नारे लगाए.

उन्होंने राज्य के लोगों को \'पर्याप्त\' अनाज उपलब्ध कराने और पिछले सप्ताह जम्मू क्षेत्र में गुर्जरों के खिलाफ कथित धमकी भरी टिप्पणियों को लेकर वन मंत्री लाल सिंह को बर्खास्त करने की भी मांग की.

नेकां के सदस्य \'अफ्सपा को वापस करो\', \'भाषण नहीं राशन चाहिए\' और \'लाल सिंह को बर्खास्त करो\' जैसे नारे लगा रहे थे.

कांग्रेस सदस्यों ने पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने और सरकार के विभिन्न विभागों में दिहाड़ी कर्मियों को नियमित करने में असफल रहने का आरोप लगाया.

\"\"राज्यपाल द्वारा इन विधायकों के विरोध पर ध्यान नहीं दिये जाने और अपना संबोधन जारी रखने पर दोनों विपक्षी दलों के सदस्य सदन से वॉकआउट कर गये.

हालांकि, विपक्ष के प्रदर्शन में शामिल लांगेट से निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद सदन में ही रहे और वोहरा के भाषण के दौरान लगातार नारेबाजी करते रहे.

इस बीच, राज्यपाल एन एन वोहरा ने अपने अभिभाषण में कहा कि पीडीपी-भाजपा सरकार कश्मीरी पंडितों समेत विस्थापितों की वापसी और पुनर्वास को लेकर प्रतिबद्ध है.

वोहरा ने दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, \'\'सरकार कश्मीरी पंडितों समेत विस्थापित लोगों की वापसी और पुनर्वास को लेकर प्रतिबद्ध है, जो जातीय विविधता का हिस्सा हैं और इस तरह से उनका पुनर्वास होना चाहिए कि वह असुरक्षा की उनकी भावना का पूरी तरह निराकरण करे.\'\'

इसके साथ ही पांच सप्ताह तक चलने वाले राज्य विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत हो गई.

 



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