टीवी धारावाहिकों, फिल्मों में काम करने के लिए तैयार हो रहे यौनकर्मी

Last Updated 12 Feb 2016 02:45:13 PM IST

एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट क्षेत्रों में से एक कोलकाता के सोनागाछी में यौनकर्मियों का एक वर्ग अपने जीवन की नयी पारी की शुरूआत करने के लिए तैयार है.


फाइल फोटो

टेलीविजन कार्यक्रमों और फिल्मों में करियर के लिए वे लोग अभिनय, नृत्य और गायन का प्रशिक्षण ले रहे हैं.
   
यहां कई गैर सरकारी संगठन कार्यरत हैं जिन्होंने इस व्यापार में जबरन धकेली गई कई लड़कियों को बचाया. वे ऐसी महिलाओं और यौनकर्मियों के बच्चों की भी मदद कर रहे हैं जो इस व्यापार को छोड़कर बेहतर जिंदगी जीने की चाहत रखते हैं. ऐसे ही लोगों के लिए यहां चल रही कार्यशाला में पेशेवर लोग उन्हें अभिनय की दुनिया की वर्णमाला सिखा रहे हैं.
   
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रमुख परियोजना ‘मुक्तिर आलो’ (आजादी की रोशनी) का लक्ष्य यौनकर्मियों और उनके बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने का है.
   
राज्य की महिला विकास एवं सामाजिक विकास मंत्री शशि पांजा ने बताया, ‘यौन व्यापार से बचाई गई लड़कियों, यौनकर्मियों और उनके बच्चों के पुनर्वास कार्यक्र म का यह दूसरा चरण है. इस परियोजना के तहत हम उन्हें नृत्य, अभिनय और गायन में प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि वे धारावाहिकों, फिल्मों में काम कर सकें.’
   
इससे पहले भी सरकार ने कई पुनर्वास कार्यक्रम चलाए थे जिनमें व्यावसायिक प्रशिक्षण, सिलाई-बुनाई की कार्यशालाएं इत्यादि शामिल हैं. लेकिन इन परियोजनाओं को उतनी लोकप्रियता नहीं मिली क्योंकि वे आर्थिक रूप से उतनी आकषर्क नहीं थीं.
   
पंजा ने कहा कि उनके विभाग और परियोजना के सहायकों ने पहले ही कई फिल्म और धारावाहिक के निर्माताओं-निर्देशकों से बात कर ली है कि वे अभिनय में पारंगत यौनकर्मियों को काम मुहैया कराएंगे.
 

इन लड़कियों को अभिनय के अलावा अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
   
प्रशिक्षण कार्यक्रम का काम देखने वाले ‘दरबार’ के समरजीत जाना ने बताया कि लगभग 50 प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया है। उनकी कक्षाए नियमित चल रही हैं. उन्हें आवाज में उतार-चढ़ाव लाने, अभिनय और नृत्य का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
   
जाना ने कहा कि उन्हें इस परियोजना के सफल होने की उम्मीद है. इस परियोजना ने यौनकर्मियों विशेषकर उनके युवा बच्चों में एक खास तरह की जिज्ञासा उत्पन्न की है.
   
पश्चिम बंगाल में लगभग 1,30,000 यौनकर्मियों के मंच दरबार महिला समन्वय समिति के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सोनागाछी क्षेत्र में और अधिक प्रतिभागियों को इस परियोजना से जोड़ने के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है.
   
कई यौनकर्मियों ने भी कहा कि वे भी इस परियोजना को लेकर काफी उत्सुक हैं ताकि भविष्य में उनकी जिंदगी बेहतर हो सके.



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