तमिलनाडु के कावेरी जल हिस्से में कमी: जयललिता
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने कर्नाटक पर आरोप लगाया कि वह तमिलनाडु के हिस्से के कावेरी जल को छोड़ने में जानबूझकर गड़बड़ कर रहा है.
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता |
उन्होंने केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऊपरी जलधारा रखने वाला राज्य इस संबंध में पंचाट के अंतिम आदेश का पालन करे.
जयललिता ने कहा, ‘‘कावेरी जल विवाद पंचाट के अंतिम आदेश के अनुरूप हमारे वैध हिस्से का जल छोड़ने की बजाय कर्नाटक तमिलनाडु के किसानों की जरा भी परवाह किए बिना समूचे पानी का लगातार अपने जलाशयों में इस्तेमाल करता है जैसे कि वह कावेरी नदी का मालिक हो.’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में जयललिता ने कहा कि पिछले तीन महीनों में कर्नाटक द्वारा 94 टीएमसी पानी छोड़े जाने की मात्रा तय होने के विपरीत तमिलनाडु को गत 31 अगस्त तक ‘‘केवल थोड़ा सा’’ 66.443 टीएमसी फुट पानी मिला जिससे ‘‘27.557 टीएमसी फुट की जबर्दस्त कमी’’ हुई.
पत्र की प्रति शनिवार को चेन्नई में मीडिया को जारी की गई.
इसमें लिखा है कि कर्नाटक ‘‘कावेरी का पानी छोड़ने के कार्यक्रम का पालन नहीं कर रहा है’’ जबकि यह पंचाट द्वारा तय किया गया था. पत्र पर चार सितंबर की तारीख है.
यह उल्लेख करते हुए कि इस वजह से मेत्तरू बांध कुरवई फसल के लिए 12 जून की तय तारीख पर नहीं खुल सका, उन्होंने कहा कि पानी केवल नौ अगस्त से 60.411 टीएमसी की उपलब्धता के साथ छोड़ा जा रहा है.
मामले में मोदी से ‘निजी हस्तक्षेप’ की मांग करते हुए जयललिता ने पंचाट के आदेश को प्रभावी बनाने के लिए कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियमन समिति की स्थापना की अपनी मांग भी दोहराई.
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