पश्चिम बंगाल में 150 ईसाइयों का धर्मांतरण
कोलकाता के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में 150 आदिवासी ईसाइयों ने बुधवार को हिन्दू धर्म अपना लिया.
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में 150 ईसाइयों का धर्मांतरण |
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि जबरन धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा कांगेस ने विहिप के इस कार्यक्रम की आलोचना की तथा कहा कि यही भाजपा का एजेंडा था.
पश्चिम बंगाल विहिप के नेता सचिंद्रनाथ सिंह ने यहां भाषा को बताया, ‘रामपुरहाट के पास एक गांव में कार्यक्र म का आयोजन किया गया था. इसमें ईसाइयों, हिन्दुओं और मुसलमानों सहित करीब 1,000 लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान ‘यज्ञ’ का आयोजन किया गया और करीब 150 ईसाइयों ने इसमें हिस्सा लेकर हिन्दू धर्म अपनाया.’ उन्होंने कहा कि आदिवासी ईसाइयों को हिन्दू धर्म अपनाने के लिए बाध्य नहीं किया गया था, उन्होंने अपनी इच्छा से इसे अपनाया.
उन्होंने कहा, ‘हमने किसी पर धर्म बदलने के लिए दबाव नहीं बनाया. यह धर्मांतरण नहीं है, जैसा कि मीडिया में बताया जा रहा है क्योंकि इसमें धर्मांतरण के लिए आवश्यक किसी प्रक्रि या का पालन नहीं किया गया.’ जब बीरभूम के पुलिस अधीक्षक आलोक राजौरिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने ऐसी किसी घटना के संबंध में जानकारी होने से इनकार किया और बताया कि इस बाबत कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई गई है.
रामपुरहाट में बुधवार को एक रैली को संबोधित कर रहे विहिप प्रमुख प्रवीण तोगड़िया से इस संबंध में पूछे जाने पर कहा, ‘यदि कोई हिन्दू बनना चाहता है. तो हम उसे कैसे रोक सकते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘हमने प्रत्येक हिन्दू परिवार के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है जिसमें रोजगार की व्यवस्था करने से लेकर हिन्दू बच्चों की शिक्षा तक शामिल है.’ रैली को संबोधित करते हुए तोगड़िया ने कहा कि राज्य सरकार को अवैध बांग्लादेशी मुसलमानों को वापस भेजने का काम अपने हाथ में लेना चाहिए वरना ‘बंगाल जल्दी ही वृहद बांग्लादेश बन जाएगा.’
दूसरी ओर इस कथित धर्मांतरण पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ’ब्रायन ने ट्वीट किया, ‘मैं आपको बता दूं, यदि कहीं से भी जरा सा भी संकेत मिलता है कि यह जबरन धर्मांतरण था तो इस मामले से सबसे सख्त तरीके से निपटा जाएगा.’
तृणमूल कांगेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह भाजपा का एजेंडा था तथा पार्टी गंदा खेल खेल रही है. उन्होंने कहा कि आखिर विहिप क्यों आदिवासियें का धर्म परिवर्तन करा रही है जो पहले ही धर्मपरिवर्तन द्वारा इसाई धर्म को अपना चुके है.
माकपा के पूर्व सांसद रामचंद्र डोम ने कहा कि धर्म परिवर्तन मध्यकालीन युग की नीति है इसलिए केंद्र तथा राज्य सरकार को इसे तत्काल प्रभाव से रोकना चाहिए. उन्होंने कहा कि विहिप राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का ही हिस्सा है तथा धर्मपरिवर्तन भाजपा का एजेंडा है.
उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून बनना चाहिए, क्योंकि यह असंवैधानिक है. भाजपा के विधायक समिक भट्टाचार्जी ने कहा कि धर्मपरिवर्तन को रोकने के लिये पार्टी कानून लाने के पक्ष में है लेकिन अगर कोई अपनी मर्जी से दूसरे धर्म को अपनाना चाहता है तो वर्तमान कानून के मुताबिक उसे कोई रोक नहीं सकता है.
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