केरल में बतखों की मौत का कारण वर्डफ्लू

Last Updated 25 Nov 2014 09:35:05 AM IST

केरल राज्य के पशुपालन विभाग ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि मलप्पुझा जिले में कोट्टायम और कुट्टानाद क्षेत्र में हजारों बतखों की मौत वर्डफ्लू से हुई है.


वर्डफ्लू (फाइल फोटो)

विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार यह बीमारी एविआन इनफ्लूएन्जा वायरस के व्यापक रूप से फैलने से हुई है. इस बात की पुष्टि भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिलीज प्रयोगशाला में  हुई.

उल्लेखनीय है कि राज्य पशुपालन विभाग द्वारा अयमानम. कुमाराकोम और थालायझम पंचायतों में वर्डफ्लू से 600 से अधिक बतखों की मौत हुई है जबकि अनाधिकारिक सूचना के अनुसार जिले में यह संख्या 10000 से अधिक है.

इस सिलसिले में इस बीमारी की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन ने एक नियंत्रण कक्ष खोलने का निश्चय किया है. जिला अधिकारी अजीत कुमार ने कहा कि र्बडफ्लू की पुष्टि होने वाली पाँच पंचायतों में चिकेन और बतखों की बिक्री पर कड़ाई से प्रतिबंध लगा दिया है.

श्री कुमार ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिये एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट .एडिएम. टीवी सुभाष को भी नियुक्त किया गया है.

इसके अलावा इस बीमारी की रोकथाम के लिये विभिन्न स्तर के अधिकारियों. पशुचिकित्सकों को पशुपालन विभाग के साथ नियुक्त किया गया है.साथ ही जिला पुलिस अधीक्षक . चुंगी अधिकारी तथा क्षेत्रीय यातायात अधिकारी को भी निर्देश दिये गये हैं कि पक्षियों के व्यापार पर कड़ी निगरानी रखें.

बतखों की मौतों से उन किसानों को खासकर नुकसान हुआ है जिन्होंने आगामी क्रिसमस के और नये साल की तैयारियों के मद्देनजर बतखों को बड़ी संख्या में पाला था. पिछले दो सप्ताह में हजारों बतखों के मरने से इन किसानों को भारी नुकसान हुआ है.

पशुपालन विभाग के अनुसार यह बीमारी प्रवासी पक्षियों से फैली है. थालावड़ी.वट्टाक्याल. कैनाकरी. पोंगा और पुराक्कड़ में दो लाख बतखों को पाला जा रहा है.



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