जम्मू-कश्मीर बाढ़ पीड़ितों ने गुरूद्वारों में पनाह देने के लिए सिखों का शुक्रिया अदा किया
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के दौरान राज्य भर में सैंकड़ों लोगों ने गुरूद्वारों में पनाह ली थी और उन्होंने इसके लिए सिखों का एहसान जताया.
जम्मू-कश्मीर बाढ़ पीड़ित (फाइल फोटो) |
बाढ़ के दौरान अब्दुल रशीद और उनके परिवार को श्रीनगर के जवाहर नगर से अपने घर से बचाया गया था. उन्हें शहर के गुरूद्वारा शहीद बंगा में जगह मिली जहां वह अपने परिवार के साथ 17 दिन से टिके हैं.
रशीद ने कहा, ‘‘बाढ़ का पानी किसी समुदाय को नहीं बख्शता. सभी पर एक जैसा असर पड़ता है. लेकिन हम सिखों के प्रति एहसानमंद हैं.’’
बेमिना के मकसूद अहमद ने कहा, ‘‘पहले मैं कभी किसी गुरूद्वारा में नहीं गया था. वहां लोगों ने हमें जो प्यार दिया और हमारा जो ख्याल रखा उससे हम अभिभूत हैं.’’
अहमद ने कहा, ‘‘बिना धर्म-मजहब देखे उन्होंने हमें गुरूद्वारा के मुख्य कक्ष में रहने की इजाजत दी.’’
गुरूद्वारों में राहत शिविर स्थापित करने के अलावा सिखों ने बचाव अभिायन में भी हिस्सा लिया.
जवाहर नगर के एक और निवासी शब्बीर अहमद ने कहा, ‘‘एक सरदार जी ने अपनी पगड़ी का इस्तेमाल हमारे डूबते खानदान को निकालने में किया. उन्होंने मेरी बेटी के जख्म से बहते खून रोकने के लिए भी उसका इस्तेमाल किया. हम उनके एहसानमंद हैं.’’
दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक समिति और अमृतसर आधारित श्री गुरूद्वारा प्रबंधक समिति ने श्रीनगर शहर के अनेक स्थानों पर 24 घंटे लंगर स्थापित किए.
डीजीएमसी सदस्य पीएस चंडहोक ने कहा कि श्रीनगर में लंगर चलाने के अलावा समिति ने 70 हजार से ज्यादा लोगों को रोजाना खाने के पैकेट उपलब्ध कराए.
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