सीमा पार आतंकियों की हलचल बढ़ी
भाजपा नीत केंद्र की एनडीए सरकार के लिए पहली बड़ी चुनौती पेश करते हुए आतंकवादियों ने सीमापार हलचल बढ़ा दी है.
लश्कर-ए-तय्यबा के प्रमुख हाफिज सईद (फाइल फोटो) |
नियंत्रण रेखा और भारत-पाक सीमा के पार बने लांचिंग पैडों पर इन दिनों इन्हें बड़ी संख्या में देखा जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, ये आतंकवादी बॉर्डर एक्शन टीम यानी बैट के जरिए जम्मू कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं. इनमें बड़ी संख्या लश्कर-ए-तय्यबा के आतंकवादियों की है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को ही संसद में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बयान दिया था कि देशभर में सरकारी प्रतिष्ठानों खास तौर पर रक्षा से जुड़े प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा. दरअसल, लगातार खुफिया जानकारियां मिल रही हैं कि पाकिस्तान के रास्ते जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कर आतंकवादी देश के प्रमुख स्थानों पर बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के हो रही फायरिंग से भी इस आशंका को बल मिल रहा है. हालांकि भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान प्रशासन से लगातार इस बात की शिकायत की जा रही है.
बताया जाता है कि जब से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी है, तभी से पाकिस्तान की कट्टरपंथी ताकतें अपने को असहज महसूस कर रही हैं. सीमा पार आतंकवादियों के जमावड़े को जम्मू कश्मीर में अगले चार पांच महीने के भीतर होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले अस्थिरता फैलाने की कोशिश के नजरिए से भी देखा जा रहा है. हालांकि नियंत्रण रेखा पर भारतीय जवानों की अत्याधिक चौकसी के कारण आतंकी अब तक घुसपैठ के अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके हैं.
लश्कर-ए-तय्यबा के प्रमुख हाफिज सईद को भी भारत-पाक सीमा से सटे सरहद पार के कई इलाकों में हाल ही में देखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में सरेआम घूम घूमकर भारत के खिलाफ जेहाद के लिए नौजवानों को उकसा रहा है. उसे लाहौर में एक अदालत परिसर में वकीलों के एक गुट को भारत के खिलाफ जहरीला भाषण देते हुए भी देखा गया है.
इस तरह की खुफिया जानकारियों के बाद केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को भी सतर्क कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियां भी मुस्तैद हो गई हैं. पिछले दिनों ही पुंछ में आतंकवादियों के कब्जे से कुछ हथियार बरामद हुए थे, जिन पर तहरीक ए तालिबान अंकित था. आशंका यह भी है कि नॉटो फोर्सेज की अफगानिस्तान से वापसी के बाद तालिबानी आतंकी लश्कर-ए-तय्यबा के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर का रुख कर सकते हैं.
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