दिल्ली वाहन मालिकों को पीयूसी सर्टिफिकेट रखना होगा अनिवार्य, वरना होगी कड़ी कार्रवाई

Last Updated 20 Sep 2021 05:20:22 PM IST

दिल्ली सरकार ने वाहन मालिकों से वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र रखने का अनुरोध किया है, अगर यह नहीं मिला तो तीन महीने के लिए निलंबित ड्राइविंग लाइसेंस की अतिरिक्त कार्रवाई के साथ 10,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा।


रविवार को दिल्ली परिवहन विभाग ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया, "परिवहन विभाग, एनसीटी दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने और दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार के अपने जारी प्रयासों में शहर के सभी मोटर वाहन मालिकों से अनुरोध करती है कि वे अपने वाहनों को केवल वैध पीयूसी प्रमाण पत्र के साथ ही चलाएं।"

नोटिस में आगे कहा गया है, "सभी पंजीकृत वाहन मालिकों से अनुरोध है कि वे राज्य परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों से अपने वाहनों की जांच करवाएं ताकि ड्राइविंग लाइसेंस के किसी भी दंड/कारावास/निलंबन से बचा जा सके।"

रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली भर में फैले पेट्रोल पंपों और कार्यशालाओं में 900 से अधिक प्रदूषण जाँच केंद्र स्थापित हैं, जिससे मोटर चालकों के लिए अपनी सुविधानुसार अपने वाहनों की जाँच करना आसान हो जाता है।

केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार, बीएस 1, बीएस 2, बीएस 3, बीएस 4 और बीएस 6 सहित वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट रखना आवश्यक है। यहां तक कि सीएनजी और एलपीजी किट से लैस वाहनों के लिए भी प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, जो कि कुछ डीजल वाहनों, किसी भी बीएस 4 और उससे ऊपर के पेट्रोल वाहनों के लिए एक साल के लिए और बाकी के लिए तीन महीने के लिए नवीनीकृत किया जाता है।

आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वह राजधानी में सर्दी की शुरुआत के साथ बढ़ती प्रदूषण की समस्या पर लगाम लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

वाहनों के उत्सर्जन जैसी मानवजनित गतिविधियों के कारण जहरीली धुंध की तीव्रता भी दिवाली और दशहरा के समय के आसपास बढ़ जाती है।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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