‘पहले कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लाएं, फिर कराएं इलाज’

Last Updated 27 Apr 2020 02:50:52 AM IST

राजधानी के निजी व सरकारी अस्पतालों द्वारा न्यूरो, न्यूरो सर्जरी, हड्डी व फेफड़ों की समस्याओं से पीड़ित, महिला रोग व हृदय रोग के सामान्य व सीरियस मरीजों को पहले कोरोना की जांच तुरंत कराने कोविड अस्पताल भेजा जा रहा है।


हृदय व न्यूरो रोगियों को कोराना जांच कराने भेज रहे हैं निजी व सरकारी अस्पताल

इन मरीजों का इलाज शुरू किए जाने से पहले कोरोना निगेटिव होने का सर्टिफिकेट मांगा जाता है। इससे कोरोना अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ जमा होनी शुरू हो गई है। सरकार निजी व सरकारी अस्पताल के इस रवैये से क्षुब्ध है। इससे कोरोना के सीरियस मरीज के इलाज में व्यवधान होने लगा है। अब दिल्ली सरकार ने अस्पतालों के इस रवैये पर विराम लगाने का कड़ा आदेश जारी किया है।

दिल्ली सरकार को डॉक्टरों के इस रवैये के बारे में बड़े पैमाने पर शिकायत मिल रही है। सरकार को चिंता सता रही है कि राजधानी के न्यूरो व हृदय रोगियों का कहीं बड़ा नुकसान न हो जाए। अब दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने निजी व सरकारी सभी अस्पतालों के निदेशक व मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को आदेश दिया है कि कोई भी मरीज जो कोरोना के अलावा किसी अन्य बीमारी का इलाज कराने आए हैं, उन्हें इलाज करने या भर्ती करने से मना नहीं करें।

इलाज के समय अस्पताल के डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्य कर्मी सभी सुरक्षा मानकों का पालन करें। इलाज के दौरान किसी मरीज को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर इस संबंध में जारी दिशा निर्देश का पालन करें। स्वास्थ्य सचिव ने आदेश दिया है कि जिन अस्पतालों को कोरोना इलाज के लिए चिह्नित नहीं किया गया है वे अन्य मरीजों का इलाज संपूर्ण क्षमता से करें। ये अस्पताल न्यूरो या हृदय रोग के मरीजों का इलाज करने से मना नहीं करेंगे।

दिल्ली सरकार के इस आदेश से अन्य मरीजों को थोड़ी राहत मिलना संभव है क्योंकि राजधानी के कई निजी अस्पताल सिर्फ कोरोना जांच के नाम पर न्यूनतम पांच हजार की राशि वसूल रहे हैं।

संजय के झा/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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