1300 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त, नौ गिरफ्तार

Last Updated 15 Dec 2019 03:53:41 AM IST

नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक अतंरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए नौ तस्करों को धर दबोचा।


ड्रग्स के साथ पकड़े गए पांच आरोपी और ड्रग्स के पैकेट (नीचे)।

तस्करों से भारत में जब्त 20 किलोग्राम कोकीन का अंतरराष्ट्रीय मूल्य 100 करोड़ रुपए है। वहीं एनसीबी के इस अभियान के तहत आरोपियों से 55 किलोग्राम कोकीन और 200 किलोग्राम मेथामफेटामाइन (मादक पदार्थ) ऑस्ट्रेलिया से भी जब्त की गई। इस कार्टल से बरामद ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कुल कीमत करीब 1,300 करोड़ रुपए आंकी गई है।
एनसीबी उत्तरी जोन के उप महानिदेशक एसके झा ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र में फैले गिरोह से 20 किलोग्राम कोकीन जब्त की गई। इनके तार ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, इंडोनेशिया, श्रीलंका, कोलंबिया, मलयेशिया और नाइजीरिया से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में पकड़े गए पांच भारतीयों की पहचान अक्षिंदर सिंह सोढ़ी, उसके सहयोगी जालंधर निवासी योगेश कुमार धुना, उत्तराखंड निवासी सम्मी व वी छाबड़ा और गाजियाबाद निवासी आर. सिंह के रूप में हुई है। जालंधर निवासी सोढ़ी पिछले दस साल से आस्ट्रेलिया में रह रहा था। उसने वहीं की एक महिला से शादी की है। भारत और कनाडा से ड्रग्स की आस्ट्रेलिया आने वाली खेप का संचालन सोढ़ी करता था।

अन्य विदेशियों की पहचान अमेरिका नागरिक र्रिचड वॉल्टेयर फोनियर, नाइजीरियन नागरिक ओबेइरा टोनी ओकिके और ओज्बो किंग्स्ले और इंडोनेशियाई महिला एम. रेनहर्ट के रूप में हुई है। रेनहर्ट को 6 दिसम्बर को खुफिया सूचना के आधार पर एंबियंस मॉल, वसंतकुंज के पास से 500 ग्राम कोकीन के साथ पकड़ा गया था।
इनमें र्रिचड को दिल्ली के महिपालपुर स्थित एक होटल से 4.2 किलोग्राम कोकीन के साथ उस समय दबोचा गया, जब वह टोनी को मादक पदार्थ की आपूर्ति करने आया था।
पकड़े गए पांच भारतीयों में गाजियाबाद का आर सिंह ड्रग सिंडीकेट में अहम भूमिका निभा रहा था। एनसीबी की टीम ने गाजियाबाद में छापेमारी कर उसे 10 किलोग्राम उम्दा किस्म की कोकीन के साथ दबोचा। पूछताछ में सिंह ने कई राज उगले और मालूम चला कि गिरोह ने उसके नाम से एक कंपनी पंजीकृत की हुई थी जिसके जरिए तमाम लेनदेन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैध करने की प्रक्रिया अपनाई जाती थी। इस ड्रग सिंडीकेट ने गाजियाबाद और आसपास कई पॉश इलाकों में प्रापर्टी किराए पर ली हुई थीं। इन जगहों में ड्रग्स को स्टोर किया जाता था। चिह्नित की गई प्रॉपर्टी गौड़ सिटी, अजनारा एक्जोटिका, ऑरेंज काउंटी में हैं। दिल्ली के दक्षिण गणेश नगर में भी एक गोदाम गिरोह के पास किराए पर था। सिंह कोकीन की डिलिवरी में मदद करता था और उनके ग्राहक अक्सर शिपरा मॉल के आसपास आते थे।
आर सिंह ने बताया कि गिरोह को सूचना थी कि उसकी बड़ी खेप ऑस्ट्रेलिया में पकड़ी गई है लिहाजा वे लोग सर्तकता बरत रहे थे। उन्होंने गाजियाबाद से अपने ठिकानों को खाली करने की कोशिश शुरू भी कर दी थी।
उत्तराखंड के रुद्रपुर व हल्द्वानी में सम्मी और वी छाबड़ा को पकड़ा गया। छाबड़ा से एनसीबी को मालूम चला था कि प्लाज्मा कटिंग मशीन में फेरबदल कर बड़ी खेप ऑस्ट्रेलिया भेजी गई थी। दावा यह किया गया है कि यह गिरोह मादक पदार्थों की तस्करी करने के लिए हर साधन का इस्तेमाल करता था। गिरोह के सदस्य वायु और समुद्र मार्ग के अलावा कुरियर कंपनी का भी सहारा लेते थे। एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह पहले प्लाज्मा कटिंग मशीन का ऑर्डर करते थे। बाद में कुरियर कंपनी की आंख में धूल झोंकने के लिए उसे खराब कर देते थे। बाद में उसी कंपनी के सहयोग से उसे मरम्मत के लिए भेज देते, जिसमें मादक पदार्थ होता था। इससे कंपनी को पता भी नहीं चलता कि वह मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त है। भारत में जब्त बीस किलोग्राम कोकीन की कीमत अंतराष्ट्रीय बाजार में करीब 100 करोड़ रुपए आंकी गई है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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