वोटर लिस्ट से नाम नदारद, लोग नहीं कर सके मतदान

Last Updated 13 May 2019 06:51:09 AM IST

मोहम्मद शौकीन और उनके परिवार के 12 सदस्य रविवार को अपना वोट नहीं डाल सके, क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची से गायब था।


विनोद कुमार व शशिकांत मिश्रा।

जबकि वह 32 साल से दिल्ली में एक ही पते पर रह रहे हैं। दक्षिण दिल्ली के संगम विहार के डी ब्लॉक इलाके में परिवार के साथ रहने वाले 68 साल के शौकीन अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो मतदान नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है। हम इलाके के मूल निवासी हैं। हमने अपना घर भी नहीं बदला है और हमारे पास सारे दस्तावेज हैं। हमारे घर कोई भी पर्ची देने नहीं आया। हम सालों से मतदान करते आए हैं। तुगलकाबाद एक्सटेंशन के निवासी 39 वर्षीय संजय कुमार भी अपना वोट नहीं डाल पाए। कुमार का कहना है कि यह बहुत खराब है। मेरा यहां अपना घर है। मेरे पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड और सारे अन्य दस्तावेज हैं। मैं पिछले तीन घंटे से तलाश रहा हूं लेकिन मेरा नाम वोटर लिस्ट में नहीं था। नई दिल्ली में रहने वाले और सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त 66 साल के रणबीर आनंद ने कहा कि मैं सुबह जल्दी वोट डालने आ गया था। मैंने दो घंटे तक इंतजार किया और तब तक वे मेरा नाम तलाशते रहे। मैं चार दशक से मतदान कर रहा हूं बावजूद इसके मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं था। चांदनी चौक में रहने वाले फिरोज अहमद की भी यही स्थिति थी। 32 साल के कपड़ा कारोबारी अहमद ने कहा कि मेरे परिवार के तीन सदस्य मतदान नहीं कर सके क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था। उन्हें वापस जाना पड़ा।

मयूर विहार फेज टू मे रहने वाले श्रीकांत मिश्रा परिवार के साथ वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पर पहुंचे थे। बेटा और पत्नी का तो वोटर लिस्ट में नाम था, लेकिन उनका वोटर लिस्ट में नहीं था। उन्होंने कहा कि मैने हाल ही में अपना मकान बदला है और नया आधार कार्ड भी बनवा लिया था। लेकिन मेरी पत्नी और बेटे का वोटर लिस्ट में नाम आ गया है,लेकिन मेरा गायब है। जब एक ही परिवार में दो लोगों को वोटर लिस्ट में नाम है तो तीसरे व्यक्ति का नाम कैसे कट गया यह समझ में नही आ रहा है।
 मयूर विहार पॉकेट ई में रहने वाले विनोद कुमार भी अपनी पत्नी और बेटी के साथ वोट डालने आये थे। पिछली बार वोट नहीं डाला था, लेकिन इस बार वह पूरे परिवार के साथ वोट डालने आये थे। वोटर लिस्ट में उनके परिवार के लोगों का नाम तो था पर उनका नाम गायब था। वह कह रहे थे कि केजरीवाल का यह कहना कि आपका नाम कटवाया गया है अब सच लगता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। जब आधार कार्ड है तो फिर वोटर लिस्ट का क्या मतलब।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि लोगों को नजफगढ विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में अपना नाम ही नहीं मिला। गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि यह सच है कि बड़े स्तर पर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। ये सभी नजफगढ के जय विहार के निवासी हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि इस बारे में उसका क्या कहना है। मतदाताओं से उनका संवैधानिक अधिकार छीनने के लिए कौन जिम्मेदार है। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर कहा कि इस बार मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए। ये सभी पहले नियमित मतदाता रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही मतदाता पहचान पत्र थामे उन लोगों की तस्वीर भी पोस्ट की जिनके नाम मतदाता सूची में नहीं थे।
उधर मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि वह और उनका कार्यालय पिछले छह महीने से लोगों से कह रहे थे कि मतदाता सूची में अपना नाम जांच लें। सिंह ने कहा कि कई जारूकता अभियान चलाए गए। उन्हें मतदान के लिए जाने से पहले अपना नाम जांचना चाहिए था। अगर उनका नाम वहां नहीं था तो उन्हें फॉर्म छह भरना चाहिए था। हम 13 अप्रैल तक फॉर्म स्वीकार कर रहे थे।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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