अंशु प्रकाश के साथ हाथापाई की घटना के बाद हाईकोर्ट ने की टिप्पणी- परेशान किया जा रहा मुख्य सचिव को

Last Updated 08 Mar 2018 05:25:35 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री के निवास पर बैठक के दौरान हुई कथित हाथापाई की शिकायत मामले को आगे बढाने पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को येनकेन प्रकारेण परेशान किया जा रहा है.


दिल्ली हाईकोर्ट

अदालत ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना सभ्य समाज की कार्यशैली को परिलक्षित नहीं करती.

अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब उसे प्रकाश के वकील ने बताया कि 19  फरवरी की हाथापाई की घटना के उपरांत मुख्य सचिव को दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने उनके विरुद्ध एक शिकायत के सिलसिले में पेश होने के लिए उन्हें नोटिस जारी किया है.

विधानसभा की एक  समिति ने मंगलवार को उन्हें नोटिस जारी किया था और बृहस्पतिवार तक पेश होने का उन्हें निर्देश दिया.

 न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने कहा, ‘आप शिकायतकर्ता ( मुख्य सचिव)  को इस तरह परेशान नहीं कर सकते. तथ्य यही है कि यदि कोई व्यक्ति शिकायत करता है और उसे परेशान करने का परोक्ष तरीका है तो क्या अदालत को उसका संज्ञान लेना चाहिए.’

अदालत ने कहा, ‘ येनकेन प्रकारेण,  मुख्य सचिव को परेशान किया जा रहा है. क्या यह जमानत याचिका खारिज करने का आधार नहीं बनता  है?’

अदालत इस हाथापाई मामले में गिरफ्तार किये गये आप विधायक प्रकाश जारवाल की जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रही है.

अदालत ने इस घटना को काफी दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह सभ्य समाज की कार्यशैली को परिलक्षित नहीं करती. 

विशेषाधिकार समिति ने 20  फरवरी की एक बैठक में नहीं पहुंचने पर मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है. उससे एक ही दिन पहले उनके साथ आप के दो विधायकों- अमानतुल्ला खान और प्रकाश जारवाल ने कथित रुप से हाथापाई की थी.

दोनों विधायक जेल में हैं. मुख्य सचिव 21  फरवरी और 23  फरवरी को भी बैठकों में नहीं पहुंचे थे. उसके बाद उन्हें एक मार्च को नोटिस जारी किया गया.

जारवाल की जमानत याचिका पर अदालतने  अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और आप के एक अन्य विधायक अमानतुल्ला खान की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करने के साथ ही उससे इस मामले में 12  मार्च तक स्थिति रिपोर्ट मांगी है.

भाषा


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