दिल्ली के मास्टर प्लान में संशोधन पर रोक

Last Updated 07 Mar 2018 05:39:11 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन पर रोक लगा दी.


सुप्रीम कोर्ट

अदालत ने संशोधन के जरिए सीलिंग को निष्फल करने की सरकार की कोशिशों पर पानी फेर दिया. पर्यावरणीय प्रभाव की स्टडी के बिना मास्टर प्लान में संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने दादागिरी कहा.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार,   डीडीए और एमसीडी द्वारा हलफनामे दाखिल नहीं करने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की. इन निकायों को हलफनामे में यह बताना था कि अदालत  के नौ फरवरी के निर्देश के बावजूद मास्टर प्लान-2021 में संशोधन का प्रस्ताव करने से पहले क्या इसके पर्यावरण प्रभाव का आकलन किया गया था.

जस्टिस मदन लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने टिप्पणी की कि प्राधिकारियों को कोई परवाह नहीं है और वे अदालत के आदेश के बावजूद हलफनामे दाखिल नहीं कर रहे हैं जो अवमानना के सिवाए और कुछ नहीं है. अदालत ने कहा कि यह अवमानना है, अवमानना से कम कुछ नहीं है.

यह दादागिरी रोकनी ही होगी. बेंच ने सख्त लहजे में कहा कि आप इस देश की शीर्ष अदालत के समक्ष पेश हो रहे हैं और आप यह कहना चाह रहे हैं कि मानो आप जो मन में आएगा कर सकते हैं और आप जवाब दाखिल नहीं करेंगे.

मास्टर प्लान-2021 तो महानगर के विस्तार और शहरी नियोजन सुनिश्चित करने का खाका है और प्रस्तावित संशोधनों का मकसद दुकान एवं रिहायशी भूखंडों और परिसरों को रिहायशी भूखंडों के समकक्ष लाना है.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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