दिल्ली में अवैध निर्माण से ब्रेक डाउन की स्थिति : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 16 Jan 2018 12:59:49 AM IST

राजधानी में अवैध निर्माण से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एमसीडी, एलएनडीओ, एनडीएमसी और डीडीए द्वारा अपनी विधायी ड्यूटी न किया जाना दुखद है और पूरी तरह से ब्रेक डाउन की स्थिति हो गई है.


सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

इससे पहले मॉनिटरिंग कमिटी की रिपोर्ट पेश करते हुए कोर्ट सलाहकार रंजीत कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉनिटरिंग कमिटी बनाई थी लेकिन एमसीडी सहित अन्य एजेंसियों को काम करने से नहीं रोका था लेकिन इसके विपरीत ये काम नहीं कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मॉनिटरिंग कमिटी कोर्ट के निर्देश के मुताबिक अपनी कार्रवाई जारी रखे लेकिन साथ ही कहा कि एमसीडी, एलएनडीओ, एनडीएमसी और डीडीए को उनकी विधायी ड्यूटी करने से नहीं रोका गया है. वे ड्यूटी बाउंड हैं कि विधायी ड्यूटी निभाएं.

अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो राजधानी में ब्रेक डाउन हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट को सलाहकार ने बताया कि एमसीडी और मॉनिटरिंग कमेटी इस बात पर सहमत थी कि कुल 2538 सड़कों में 140 सड़कों के नोटिफिकेशन को खत्म किया जाएगा.

इन सड़कों पर कॉमर्शियल गतिवधियों की इजाजत दी गई थी लेकिन बाद में दोबारा सर्वे के बाद यह तय हुआ कि इसे डी नोटिफाई कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि ऐसा क्यों नहीं किया गया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से नए कानून के मामले में स्थिति साफ करने को कहा है.

नए कानून के तहत अवैध निर्माण को 2020 तक के लिए संरक्षित किया गया है. कोर्ट सलाहकार का कहना है कि इस नए कानून के कारण ही अवैध निर्माण को संरक्षण है. इसे खत्म किया जाना चाहिए. अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह सात फरवरी तक इस मामले में अपना पक्ष रखे और अगली सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तारीख तय की.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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