विदेश में शरण मांगने के कारण पासपोर्ट जारी करने से इनकार नहीं कर सकते: दिल्ली HC
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि प्रशासन किसी भारतीय नागरिक को महज इस कारण से पासपोर्ट जारी करने से इनकार नहीं कर सकता कि उसने किसी अन्य देश में शरण के लिए आवेदन किया है.
(फाइल फोटो) |
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए. रंविद्र भट और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने केंद्र की अपील पर यह टिप्पणी की है. एकल पीठ ने उन पांच व्यक्तियों को पासपोर्ट जारी नहीं करने के सरकार के फैसले को रद्द कर दिया जिन्होंने विदेश में शरण की मांगी थी. इसके खिलाफ केंद्र ने अपील की थी.
एकल न्यायाधीश के फैसले को बरकरार रखते हुए पीठ ने उन्हें पासपोर्ट नहीं देने के लिए ऐसे व्यक्तियों के आवेदन को पूर्व मंजूरी श्रेणी के तहत रखने की अधिकारियों की कार्रवाई को रद्द करने से सहमति जताई.
तीनों की याचिका के मुताबिक, उन्होंने विदेश में रहने के दौरान अन्य देशों में राजनीतिक शरण की मांग की थी लेकिन देश के विभिन्न पासपोर्ट दफ्तरों ने पांच साल तक उन्हें पासपोर्ट जारी करने से इनकार किया. उनका कहना था कि वे भारत की संप्रभुसत्ता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं.
विदेश यात्रा करने के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की अहमियत स्वीकारते हुए उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि देश की संप्रभुसत्ता और अखंडता की मजबूत अवधारणा विदेश में राजनीतिक शरण मांग रहे पृथक व्यक्तियों के कृत्यों का सामना कर सकती है.
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