जिंदा बच्चे को मृत बताने के मामले में मैक्स अस्पताल के 9 डाक्टर और 2 नर्सों को नोटिस

Last Updated 23 Dec 2017 04:25:54 PM IST

दिल्ली चिकित्सा परिषद (डीएमसी) ने एक जीवित नवजात बच्चे को मरा हुआ बताने के मामले में शालीमार बाग स्थित मैक्स हास्पिटल के नौ डाक्टरों और दो नर्सों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है.


फाइल फोटो

परिषद के सचिव गिरीश त्यागी ने बताया कि यह नोटिस 20 दिसंबर को जारी किया गया था.
     
मैक्स अस्पताल में 30 नवंबर को दो जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था. इनमें से एक लड़का और एक लड़की थी. समय से पूर्व जन्में इन बच्चों को अस्पताल के डाक्टरों ने मृत पैदा हुए बताकर उनके परिजनों को सौंप दिया था. जब परिजन बच्चों का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे तब उन्हें एक शिशु में कुछ हरकत दिखाई पड़ी जिस पर वह उसे लेकर पास के एक निजी अस्पताल में पहुंच गए जहां उन्हें पता चला की बच्चे की धड़कन चल रही है.

परिजनों का आरोप है कि मैक्स अस्पताल के डाक्टरों ने बच्चे को पॉलिथीन बैग में लपेट कर दे दिया था. कुछ दिनों तक जीवित रहने के बाद बच्चे की आखिरकार मौत हो गयी.


 
दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले में करायी गयी जांच में पता चला कि बच्चों को मृत घोषित करने के पहले अस्पताल के डाक्टरों ने उनकी इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी नहीं की थी ताकि यह पता चल सके कि बच्चे जीवित हैं या नहीं.

इस  घटना के बाद दिल्ली सरकार ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी कर दिया था लेकिन अपीलीय प्राधिकरण ने इस पर रोक लगा दी थी जिसके बाद 20 दिसंबर को अस्पताल में काम काज शुरु हो गया. इसके बाद मृत बच्चों के परिजनों ने 21 दिसंबर को पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. 

 

वार्ता


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