लैंड पूलिंग पॉलिसी को डीडीए की हरी झंडी
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को हरी झंडी दे दी है.
लैंड पूलिंग पॉलिसी को डीडीए की हरी झंडी |
बृहस्पतिवार को हुई बोर्ड बैठक में डीडीए ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि इस योजना में उनकी भूमिका सुविधा प्रदाता की होगी और वह जमीन को विकसित कर उसे भू-स्वामी को सौंप देगा. डीडीए ने भू-स्वामी को पांच किलोमीटर के दायरे में भूमि लौटाने की शर्त को वापस ले ली है. नई पालिसी के तहत डीडीए भू स्वामी को कहीं भी विकसित कर भूमि दे सकता है.
खासबात यह है कि 95 गावों को शहरी एवं 89 गावों को विकसित क्षेत्र घोषित करने की प्रक्रिया पर भी बोर्ड ने मुहर लगा दी. यही मामला लंबे समय से दिल्ली सरकार में अटका हुआ था. अधिकारियों ने उम्मीद जतायी है कि अब जल्द ही लैण्ड पूलिंग पॉलिसी लागू हो जायेगी. यह पॉलिसी डीडीए ने वर्ष 2013 में पास की थी.
बैठक में इस पॉलिसी को जल्द ही कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया. बैठक में अधिकारियों ने दावा किया इस पॉलिसी से प्रभावित होने वाले सभी पक्षों से विचार विमर्श किया गया. डीडीए अभी भी इसके सहज एवं सरल निष्पादन को लेकर काम कर रहा है. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने भी पॉलिसी को हरी झण्डी दे दी है. इस योजना का लाभ लेने के लिए कम से कम 2 हेक्टेयर जमीन होना अनिवार्य है. लैण्ड पूलिंग पॉलिसी में दो चरण है. पहले चरण में दो हेक्टेयर भूमि वाले भू-स्वामी, दूसरी में 20 हेक्टेयर तक के भू-स्वामी शामिल होंगे.
वन विंडो सिस्टम से लागू होगी पॉलिसी
लैड पूलिंग पॉलिसी को ऑन लाइन लागू किया जायेगा. इसके साथ ही इस पॉलिसी से जुड़े सभी निर्णय एवं एनओसी आदि की सुविधा एकल खिड़की के आधार पर उपलब्ध होगी. जिससे भू-स्वामी को इधर-उधर न भागना पड़े और इस योजना को जल्द लागू किया जा सके.
60:40 फीसद का रहेगा रेशियो : लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत जमीन का 60 फीसद हिस्सा भू-स्वामी को लौटा दिया जायेगा. इसमें भू-स्वामी 53 फीसद जमीन का आवासीय सुविधा, 5 फीसद का व्यावसायिक एवं 2 फीसद जमीन का इस्तेमाल संस्थागत के रूप में कर सकेगा. जबकि 40 फीसद जमीन का उपयोग 4 फीसद औद्योगिक, 16 फीसद रेक्रीशनल, 8 फीसद संस्थागत (सरकारी एवं अर्धसरकारी) और 12 फीसद जमीन का उपयोग सड़क आदि के लिए किया जायेगा.
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