मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द होने के आदेश पर रोक, कामकाज बहाल
शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने के दिल्ली सरकार के आदेश पर अपीलीय प्राधिकरण ने रोक लगा दी है जिसके बाद अस्पताल ने आज से अपना कार्य फिर से शुरू कर दिया.
मैक्स अस्पताल (फाइल फोटो) |
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने कई मामलों में लापरवाही बरतने के लिए अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया था. इनमें सबसे बड़ा जुड़वा बच्चों का एक मामला था जिनमें से एक के जीवित होते हुए भी अस्पताल ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
वित्तीय आयुक्त की अदालत के आदेश के अनुसार, उसने नौ जनवरी को अगली सुनवाई तक स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशालय द्वारा जारी लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी. इस आदेश की एक प्रति पीटीआई-भाषा के पास उपलब्ध है.
एक हफ्ता पहले अस्पताल समूह ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा उसके अस्पताल का लाइसेंस रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ वित्त आयुक्त की अदालत में एक याचिका दाखिल की थी.
वित्त आयुक्त ने आदेश में कहा, लाइसेंस रद्द करने के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई जाती है. इस मामले पर कानून (दिल्ली नर्सिग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1953) की धारा 8 (2) और 8 (4) के प्रावधान के अनुसार सुनवाई की जाएगी.
याचिकाकर्ता के वकीलों ने अदालत के समक्ष कहा कि इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत जिस तारीख को आदेश दिया गया था वह महीना खत्म होने के बाद इस तरह का आदेश लागू नहीं हो सकता.
वित्तीय आयुक्त के आदेश के अनुसार, डीजीएचएस के वकीलों ने कहा कि लाइसेंस रद्द करने का आदेश अधिनियम की धारा 7 के तहत पारित किया गया ना कि अधिनियम की धारा 8 (2) के तहत. अधिनियम की धारा 7 के अनुसार, निरीक्षण प्राधिकरण किसी भी आधार पर किसी भी नर्सिग होम के संबंध में किसी व्यक्ति के पंजीकरण को किसी भी समय रद्द कर सकती है.
वित्तीय आयुक्त की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारियों के अनुसार, वित्तीय आयुक्त एक वैधानिक पद होता है और विभिन्न कानूनों के तहत जो अधिकार उपराज्यपाल या मुख्य आयुक्त को दिए गए हैं वो अधिकार वित्तीय आयुक्त के पास भी हैं.
मैक्स हेल्थकेयर ने आज एक बयान जारी कर दावा किया, मैक्स अस्पताल, शालीमार बाग ने उचित अधिकरण द्वारा रोक आदेश जारी किए जाने के बाद आज से अपना काम फिर से शुरू कर दिया है.
लाइसेंस रद्द करने के आदेश से आप और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया था. सत्तारूढ़ आप ने इस विवाद में उपराज्यपाल को घसीटते हुए कहा कि मैक्स अस्पताल को बचाने में उनकी भूमिका साफ तौर पर सामने आ गई है.
आप की दिल्ली इकाई के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वित्त आयुक्त को उपराज्यपाल नियुक्त करता है और उन्हें अधिकार देता है. उन्होंने कहा, शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल को बचाने में भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल की भूमिका साफ तौर पर सामने आ गई है.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आप पर निशाना साधते हुए उससे पूछा कि क्या कोई सौदा हुआ जिसके चलते उसके अधिकारी द्वारा अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने पर रोक लगा दी गई.
उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस मुद्दे पर निहित हितों के कारण गलत सूचना का अभियान चलाया गया. बयान में कहा गया है, उपराज्यपाल का कार्यालय किसी भी स्तर पर इस मामले में शामिल नहीं है.
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