दिल्ली में फिर शुरू होगी सीलिंग
दिल्ली में अंधाधुंध अवैध निर्माण से परेशान सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सीलिंग की कार्रवाई शुरू करने की बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण के कारण दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बदतर हो गई है. हल्की बारिश में भी हर जगह पानी भर जाता है. रिहायशी इकाइयों का व्यावसायिक इस्तेमाल जमकर हो रहा है.
जस्टिस मदन लोकुर और दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि दिल्ली को चेन्नई तथा अन्य शहरों की तर्ज पर जाने से रोकना होगा. वर्षा होने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए अवैध निर्माण पर सख्ती जरूरी है. अवैध निर्माण से सिर्फ प्रदूषण ही नहीं बढ़ रहा है, बल्कि सीवेज सिस्टम, पार्किंग और कूड़ा निस्तारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा कि क्यों न मॉनिटरिंग कमेटी को उसके अधिकार बहाल कर दिए जाएं.
पहली नजर में हम इस बात से संतुष्ट हैं कि कानून का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एएस नदकर्णी से कहा कि वह 14 दिसम्बर को सुनवाई के दौरान अदालत की मदद करें. सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि जहां तक अवैध निर्माण का संबंध है तो इसके लिए कानून-व्यवस्था ध्वस्त नहीं हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2012 में मॉनिटरिंग कमेटी से सीलिंग के अधिकार छीन लिए थे. अदालत ने उम्मीद जताई थी कि दिल्ली नगर निगम वैधानिक दायित्व निभाएगा और कानून के अनुसार अवैध निर्माण पर अंकुश लाएगा. बेंच ने कहा कि हमारे विश्वास और उम्मीदों को झटका लगा है. सिविक प्रशासन अवैध निर्माण को रोकने में विफल रहा है.
| Tweet |