आयकर छापे में 11 करोड़ की नकदी बरामद
आयकर विभाग ने ब्रोकर तथा अन्य के खिलाफ कर चोरी जांच मामले में 11 करोड़ रुपए नकदी बरामद की.
आयकर छापे में 11 करोड़ की नकदी बरामद |
यह कहा जा रहा है कि ये नेशनल स्टाक एक्सचेंज से जुड़े को-लोकेशन मामले में शामिल हैं.
एनएसई के को-लोकेशन मामला कुछ चुनिदा ब्रोकरों को उसके ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर काम करते समय एक्सचेंज की आनलाइन सूचना सेवा में कथित रूप से तरजीह मिलने से जुड़ा है.
छापे के बारे में अधिकारियों ने बताया कि बरामद नकद को लकड़ी के बने तहखानों और अन्य सामानों के साथ छिपाकर रख गया था. यह राशि ब्रोकर संजय गुप्त के दिल्ली परिसरों से बरामद की गयी है.
ब्रोकर ने सवालों का जवाब नहीं दिया. उनके तथा परिवार के अन्य सदस्यों के फोन नंबर बंद हैं. कुल 11 करोड़ रुपए में से बड़ा हिस्सा गुप्ता के व्यापार सहयोगी के दिल्ली में तीन ठिकानों से बरामद किया गया.
करीब 10 करोड़ रुपए एक परिसर में सीढ़ी के नीचे बने तहखाने से बरामद किये गये. दिल्ली के अलावा मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरू में तलाशी ली गयी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किये गये हैं. छापा अभी जारी है.
विभाग दिल्ली और मुंबई में एनएसई से जुड़े कुछ ब्रोकरों के परिसरों की पिछले तीन दिनों से तलाशी कर रही है. कर अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने कई दस्तावेज और कंप्यूटर संबंधित सामान बरामद किये गये हैं.
एनएसई के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी चित्रा रामकृष्णा के साथ एनएसई से जुड़े अन्य लोगों के परिसरों की भी तलाशी ली गयी. इस बारे में चित्रा को सवाल भेजे गये, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
एनएसई के को-लोकेशन मामले में गुप्ता के ओपीजी सिक्योरिटीज समेत कुछ ब्रोकरों को उसके ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर काम करते समय कथित रूप से एक्सचेंज की सेवा में तरजीह मिलती थी.
को-लोकेशन सुविधा के तहत जल्दी लागइन और आंकड़ों पर तेजी से पहुंच का लाभ मिलता है. सूचना मिलने में सेकेंड के कुछ हिस्से के भी अंतर से व्यापारी को काफी लाभ हो सकता है.
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