एम्स ने उपयोगकर्ता शुल्क समाप्त करने के लिए अध्ययन कराया

Last Updated 17 Nov 2017 03:37:19 PM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कहा है कि उसने 500 रुपये से कम की लागत नैदानिक (डॉयग्नोस्टिक) प्रक्रियाओं पर उपभोक्ता शुल्क खत्म करने के प्रस्ताव को सही ठहराने के लिए एक पॉयलट अध्ययन का किया है.


एम्स ने उपयोगकर्ता शुल्क समाप्त करने के लिए अध्ययन कराया

अध्ययन में खुलासा हुआ है कि मरीज पर्याप्त धन यात्रा, आवास व भोजन पर खर्च करते हैं. वे लंबी कतारों में भुगतान के लिए भी समय व्यतीत करते हैं.

यह अध्ययन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा एम्स से उपभोक्ता शुल्क की समीक्षा के लिए डाटा मुहैया कराने की बात कहे जाने के बाद किया गया. उपभोक्ता शुल्क की समीक्षा दो दशकों से नहीं की गई है.

इसमें सिफारिश की गई है कि रक्त जांच, एक्स-रे व सीटी स्कैन जैसी प्रक्रियाओं पर शुल्क को खत्म किया जाना चाहिए, जिससे हिसाब-किताब की लागत में कटौती व प्रक्रिया के दौरान मरीजों की परेशानी खत्म की जा सके.

इस अध्ययन में एम्स में सुविधाओं तक पहुंचने की प्रक्रियाओं में कई स्तरों पर परेशानी का जिक्र किया गया है. इसमें इलाज व इसके लिए समय लेने में भी दिक्कत की बात कही गई है.

अस्पताल में एक समिति उपयोगकर्ता शुल्क के लिए बनाई गई है, जिसने अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी है.

समिति ने निजी वार्ड के शुल्क में इजाफा की सिफारिश की है, जिसमें शुल्क को प्रति दिन 3,000 रुपये से 5,000 रुपये करके नुकसान की भरपाई करने की बात है.



 

--आईएएनएस


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