वायु प्रदूषण : दिल्ली-एनसीआर 'इमरजेंसी' से बाहर

Last Updated 14 Nov 2017 08:52:45 PM IST

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ. राजधानी में 15 क्षेत्रों में से छह क्षेत्रों में 'सीवियर' के मुकाबले 'वेरी पूअर' स्तर रिकॉर्ड किया गया. यह पिछले हफ्ते के मुकाबले पहली बार दर्ज किया गया है.


(फाइल फोटो)

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार मे जानकारों ने कहा कि हवा की रफ्तार बीते हफ्ते की तुलना में दोगुनी होने की वजह से पड़ोसी राज्यों व एनसीआर में बूंदाबांदी की संभावना है, वायु की गुणवत्ता में और सुधार होने के आसार हैं, यह 'वेरी पूअर' या 'पूअर' श्रेणी में आ जाएगी.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार औसत एक्यूआई दिल्ली व एनसीआर का 398 है, जबकि प्रमुख प्रदूषक पीएम2.5 या 2.5 मिमी से कम व्यास वाले कण शाम छह बजे 397 यूनिट रिकॉर्ड किए गए हैं. इसे 'वेरी पूअर' माना जाता है.

हालांकि, दिल्ली का औसत एक्यूआई शाम छह बजे 407 था, इसके साथ ही 406यूनिट पर पीएम2.5 था. इसे 'सीवियर' माना जाता है.

इसे बीते सात दिनों सात नवंबर से सुधार माना जा रहा है, दिल्ली में लोग औसत एक्यूआई रेंज 460 से 500 के बीच में जहरीली हवा में सांस ले रहे थे. पीएम2.5 एक खरतनाक स्तर 945 यूनिट पर गाजियाबाद सहित कुछ स्थानों पर पहुंच गया. गाजियाबाद में यह सुरक्षित सीमा से 37 गुना पार कर गया.



सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के शोधकर्ता व सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के सदस्य उस्मान नसीम ने आईएएनएस से कहा, "दिल्ली इमरजेंसी से बाहर है, लेकिन खतरे से बाहर नहीं है. आने वाले दिनों में 16 व 17 नवंबर तक स्थितियों के बेहतर होने की उम्मीद है. दुर्भाग्य से हम अभी भी खुश है कि वायु की गुणवत्ता वेरी पूअर है. बहुत से देशों में इस वायु गुणवत्ता पर इमरजेंसी जैसे हालात हैं, जिस पर हम खुश हो रहे हैं कि सुधार हो रहा है."

आईएएनएस


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