NGT का सम-विषम योजना से महिलाओं, दो पहिया वाहनों को छूट से इनकार
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने महिलाओं और दो पहिया वाहनों को दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना से बाहर रखने से आज इनकार कर दिया और उसे यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दस वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों को सड़कों से बिना देरी के हटा दिया जाए.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (फाइल फोटो) |
अधिकरण ने प्रदूषण के उच्च स्तर पर चिंता जतायी जो कि पर्यावरण और स्वास्थ्य की दृष्टि से आपात स्थिति है और कहा कि शहर को अपने बच्चों को संक्रमित फेफड़ों का उपहार नहीं देना चाहिए.
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली एक पीठ ने दिल्ली की आप सरकार को आज ही दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाकों की पहचान करके ऊंची इमारतों से पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया.
अधिकरण ने यद्यपि उन गैर प्रदूषणकारी उद्योगों को चलाने की इजाजत दे दी जो आवश्यक वस्तुओं का विनिर्माण करते हैं.
सुनवायी के दौरान एनजीटी ने सवाल किया कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्य एक-दूसरे पर आरोप लगाने के अलावा क्या कर रहे हैं. पीठ ने कहा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब क्या कर रहे हैं? आप सभी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. आप सिर्फ एक दूसरे पर आरोप ही नहीं लगा सकते.
दिल्ली सरकार ने अपनी अर्जी वापस ले ली क्योंकि एनजीटी उसकी इस दलील से संतुष्ट नहीं था कि शहर के पास 25 लाख से अधिक यात्रियों को संभालने के लिए पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था नहीं है.
पीठ ने कहा, दिल्ली सरकार अपनी अर्जी वापस लेना चाहती है जो उसने हमारे आदेश में बदलाव के लिए दायर की थी. उन्हें एक नयी अर्जी दायर करने की स्वतंत्रता है. अर्जी का निस्तारण किया जाता है.
एनजीटी ने 11 नवम्बर के अपने आदेश में सम-विषम योजना को मंजूरी देते हुए महिलाओं और दो पहिया वाहनों को इससे छूट देने से इनकार कर दिया था. दिल्ली सरकार ने इस निर्णय में बदलाव के लिए कल एक अर्जी दायर की थी.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उद्योगों के संचालन के बारे में पीठ ने कहा, हम स्पष्ट करते हैं कि खाद्य पदार्थ जैसी आवश्यक वस्तुओं का निर्माण करने वाले उद्योगों को एनजीटी के रोक वाले आदेश से छूट दे दी गई है.
अधिकरण ने कहा, हम निर्देश देते हैं कि ऐसे उद्योग जिनका उत्सर्जन निर्धारित मानकों के भीतर है और जो गैर प्रदूषणकारी हैं और निर्देशों के अनुरूप हैं, वे संचालित हो सकते हैं लेकिन यह जांच पर आधारित होगा.
अधिकरण ने इसके साथ ही एनसीआर में पूर्वी परिधीय एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को भी इजाजत दे दी जो कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के वरिष्ठतम अधिकारी के आश्वासन पर आधारित होगा कि इससे कोई प्रदूषण नहीं होगा.
अधिकरण ने उल्लेख किया कि प्रदूषण नियंत्रण समितियों के अनुसार दो पहिया वाहन अधिक प्रदूषण करते हैं तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) के अनुसार करीब 30 प्रतिशत प्रदूषण उनके द्वारा होता है.
पीठ ने कहा, यदि आप 68 लाख दो पहिया वाहनों को सड़कों पर चलने की इजाजत देंगे, कितनी सीमा तक प्रदूषण होगा? आपने कहा कि हजारों बसों का आर्डर दिया गया है लेकिन अभी तक एक भी बस नहीं मिली है. आप किसी संकट का इंतजार कर रहे हैं.
पीठ ने महिला चालकों को सम-विषम योजना से छूट प्रदान करने की अर्जी को लेकर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए सवाल किया, क्या आप (दिल्ली सरकार) उन महिलाओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं जिनके पास कारें नहीं हैं और वे रोज मेट्रो और बसों से सफर करती हैं? आप विशेष महिला बसें क्यों नहीं चला सकते?
यह उल्लेख करते हुए कि पीएम10 900 से अधिक है, पीठ ने कहा, आप (दिल्ली सरकार) पेड़ों पर पानी छिड़काव कर रहे हैं. आपको करना यह है कि आप बहुमंजिला इमारत पर चढ़ेंगे और दमकल उपकरण की मदद से पानी का छिड़काव करेंगे.
पीठ ने इसके साथ ही पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, दिल्ली जीएनसीटी, परिवहन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो को हवा में प्रदूषकों पर नियंत्रण के लिए एक-दूसरे से समन्वय करने और उसके आदेश के अनुसार कदम उठाने के लिए कहा.
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