दिल्ली सरकार का डीयू की लिस्ट को मानने से इनकार
दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध व दिल्ली सरकार से वित्त पोषित कॉलेजों में प्रबंध समितियों के गठन को लेकर दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि वह डीयू द्वारा प्रबंध समितियों को भेजी गई लिस्ट को नहीं मानेगी.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) |
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डीयू कुलपति योगेश त्यागी को कहा है कि वह सरकार द्वारा ज्यादा नामों की अगस्त में भेजी गई लिस्ट को ही कार्यकारी परिषद में स्वीकृत करें. इस संबंध में डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले को अब डीयू की इस मामले को लेकर गठित कमेटी देखेगी कि इस मामले मे अब क्या करना है.
बता दें कि 31 अक्टूबर 2016 को ही दिल्ली सरकार से वित्तपोषित 28 कॉलेजों की प्रबंध समितियों का कार्यकाल खत्म हो चुका था. इस मामले में उप मुख्यमंत्री ने कुलपति से कहा है कि यह पहली बार है कि प्रबंध समितियों का कार्यकाल खत्म होने पर उसके कार्यकाल में तीन महीने तक का भी विस्तार नहीं दिया गया. यह तब किया गया जबकि प्रबंध समितियों के गठन में देरी के लिए डीयू पूरी तरह से जिम्मेदार है.
उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि डीयू रजिस्ट्रार को प्रबंध समितियों के गठन को लेकर नाम भेजने को सितम्बर 2016 से लेकर 1 फरवरी 2017 तक चार बार पत्र भेजे गए थे. इसके बाद 14 फरवरी को 386 नामों की सूची डीयू द्वारा सरकार को भेजी गई. इसके बाद सरकार ने 6 मार्च को लिस्ट को डीयू को भेज दिया गया था. इसके बाद दो बार लिस्ट का आदान प्रदान हुआ. एक बार लिस्ट को कार्यकारी परिषद में रखा गया, लेकिन स्वीकृत नहीं किया गया.
19 जुलाई को ही सरकार ने यह आगाह किया था कि यदि प्रबंध समितियां गठित नहीं हुई तो सरकार कॉलेजों का फंड रोक देगी. एक अगस्त को कॉलेजों का फंड रोक दिया गया. इसके बाद डीयू ने 386 नामों की लिस्ट को रद्द करते हुए 158 नामों की लिस्ट भेज दी.
उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार को 25 अगस्त 2017 वाली लिस्ट को ही कार्यकारी परिषद में स्वीकृत करना होगा.
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