ऑफिसों में तैनात शिक्षकों को स्कूल वापस भेजे

Last Updated 30 Oct 2017 06:49:02 AM IST

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक ने आदेश दिया है कि सभी जोनल, डीडीई, एसपीई या आरडीई कार्यालयों या मुख्यालय में कार्यरत शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से उनके स्कूलों को वापस भेजा जाए.


ऑफिसों में तैनात शिक्षकों को स्कूल वापस भेजे.

इस मामले में सभी जिले के उपशिक्षा निदेशकों को एक प्रमाणपत्र देना होगा कि उनके यहां कोई शिक्षक जोनल, एसपीई, डीडीई ऑफिस में काम नहीं कर रहा है. निदेशक ने कहा है कि यदि इन कार्यालयों में शिक्षक के सहयोग की आवश्यकता है तो उनकी सेवा स्कूल के समय के पहले या बाद में ली जाये. यह निर्णय ऐसा स्कूलों में शिक्षकों की उपयुक्त संख्या न होने के चलते किया गया है.

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी इन ऑफिसों में करीब 300 शिक्षक काम कर रहे हैं. वहीं शिक्षा निदेशक ने विशेष शिक्षा निदेशक (प्रशासन) को निर्देशित किया है कि वे एक प्रस्ताव प्रस्तुत करें जिसमें शिक्षा निदेशक के कुछ अधिकारों का प्रतिनिधित्व क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक (आरडीई) भी कर सकें. इसके तहत विद्यालयों में नए पाठ्यक्रम या अतिरिक्त वर्ग (स्ट्रीम) शुरू करने, स्कूलों या पालियों को मर्ज व शिफ्ट करने तथा विद्यार्थियों का ट्रांसफर करने का अधिकार अब क्षेत्रीय शिक्षा निदेशकों को भी होगा. 



कमजोर स्कूलों को निरीक्षण में दी जाए प्राथमिकता : शिक्षा निदेशक ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि निरीक्षण के दौरान उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाये जिनका परिणाम एसए-1 परीक्षा के दौरान कमजोर रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि निदेशक की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार साउथ वेस्ट बी डिस्ट्रिक्ट के स्कूलों में वोकेशनल स्ट्रीम का रिजल्ट पिछले वर्ष की तुलना में करीब 23 प्रतिशत गिरा है. साथ ही सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में भी कॉमर्स स्ट्रीम के बच्चों का परिणाम 13 तक, और वेस्ट के दोनों डिस्ट्रिक्ट में विज्ञान वर्ग का परिणाम 12 प्रतिशत तक गिरा है.

स्कूलों में लगाई जाएंगी हाईमास्ट लाइटें : सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाम की पाली में  स्कूलों में हाई मास्ट एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी. शिक्षा निदेशक ने इसके लिये एल एंड ई ब्रांच को सकरुलर जारी करने कहा है. इसे अप्रूव करने का अधिकार क्षेत्रीय शिक्षा निदेशकों को होगा. निदेशक ने कहा है कि लाइट लगाने के स्थानों का चयन इस तरह से किया जाए ताकि पूरा स्कूल प्रकाशित हो सके. इसके साथ ही कक्षाओं, कॉरीडोर, बैकयार्ड और प्रयोगशालाओं में उपयुक्त ट्यूब लाइटें लगाने के लिये भी परिपत्र जारी किया जाएगा.

 

 

अरुण कुमार पाण्डेय


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