एम्स में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन

Last Updated 26 Oct 2017 05:28:33 AM IST

देश के सर्वाधिक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स में एक ऑपरेशन चल रहा है. यह बुधवार की सुबह 10 बजे शुरू हुआ था. इसमें 30 सर्जन समेत 80 विशेषज्ञ जुटे हुए हैं. अब तक का सबसे बड़ा यह ऑपरेशन 25 घंटे तक चलने वाला है.


एम्स में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन

कोशिश हो रही है ओडिशा की सिर से जुड़ीं बच्चियों को अलग-अलग करने की. दोनों के सिर आपस में जुड़े हुए हैं. रात 9.55 बजे सर्जरी का पहला चरण पूरा हो चुका था और दोनों बच्चियों के सिर अलग कर दिए गए थे लेकिन ऑपरेशन की प्रक्रिया बृहस्पतिवार दोपहर तक चल सकती है.

एम्स के सर्जन टीम के प्रमुख डा. एके महापात्रा ने बताया कि बृहस्पतिवार दोपहर तक यह सर्जरी चल सकती है. उन्होंने बताया कि अब तक यह केस एकदम नया और चुनौतियों से भरा है.  डॉ. महापात्रा ने एसएमएस के जरिए बताया कि बच्चियों का रक्तचाप सामान्य था, हृदय गति नॉरमल थी. इस वजह से हमें शल्यक्रिया के दौरान किसी प्रकार के जोखिम का सामना नहीं करना पड़ा.

महापात्रा ने पहले बताया था कि बच्चे जिस स्थिति से गुजर रहे हैं, वह 30 लाख में से एक बच्चे में होती है. इनमें से भी 50 प्रतिशत की या तो जन्म के समय या जन्म के 24 घंटे के अंदर मृत्यु हो जाती है.  इनमें से भी जो बच्चे बच जाते हैं, उनमें से केवल 25 प्रतिशत में सर्जरी कारगर है और बाकी बच्चे इसी अवस्था में रहते हैं. उन्होंने बताया था, इनमें भी जिन बच्चों की ऐसी सर्जरी होती है उनके जीवित बचने की संभावना 20 प्रतिशत से भी कम है. इस तरह के ऑपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण है.

सर्जरी का पहला चरण 28 अगस्त को संपन्न हुआ था जब डॉक्टरों ने मस्तिष्क से हृदय को रक्त वापस पहुंचाने वाली उनकी जुड़ी हुई रक्तनलिकाओं को अलग करने के लिए वीनस बाईपास बनाया था.

उधर, ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री प्रताप जेना ने कहा, हमने एम्स के अधिकारियों को सुझाव दिया था कि ऑपरेशन में जरूरत पड़ने पर विदेशी विशेषज्ञों की मदद ली जाए. ओडिशा सरकार विदेशी डॉक्टरों का खर्च उठाने को तैयार है. हमें उम्मीद है कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से सबकुछ ठीक होगा. बच्चों के पिता भुयान कन्हार ने कहा, जग्गा की हालत बिगड़ने की वजह से सर्जरी की जा रही है. बच्चियों को 13 जुलाई को एम्स में भर्ती कराया गया था.

ओडिशा सरकार ने बच्चों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से एक करोड़ रुपए स्वीकृत किये हैं.  दरअसल, जग्गा और बलिया कंधमाल जिले के फिरिंगिया ब्लक के मिलिपाड़ा गांव निवासी हैं.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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