सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारी पड़ी आस्था, जमकर हुई आतिशबाजी

Last Updated 21 Oct 2017 05:21:21 AM IST

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाये जाने का बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा. दिल्ली में जमकर पटाखे छोड़े जाने से अनेक हिस्सों में कार्बन उत्सर्जन में काफी बढ़ोतरी हुई.


धुंध के बीच सुबह के वक्त लोधी गार्डन में योगाभ्यास करते लोग.

पिछले वर्षों की तुलना करें तो प्रदूषण का स्तर औसतन कम रहा. पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का असर यही रहा है कि ध्वनि प्रदूषण और पीएम 2.4 और पीएम 10 का स्तर बढ़ा नहीं, लेकिन उम्मीद की जा रही थी कि इनमें उत्सर्जन में कमी आएगी.

दूसरी तरफ गैर सरकारी संस्था सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरमेंट (सीएसई) के अनुसार इस बार प्रदूषण के स्तर (पीएम 2,5) में 6.6 गुना बढोतरी दर्ज की गई. दिल्ली के श्रीनिवासपुरी, वजीरपुर, करणी सिंह स्टेडियम, ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम,  जहांगीरपुरी, आनंद विहार बस अड्डा, मंदिर मार्ग, पंजाबी बाग और आरके पुरम में इलाके में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा रहा. दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार वजीरपुर की हवा दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही. वहीं प्रदूषण के मामले में दूसरे नंबर पर आनंद विहार का बस अड्डा रहा.

दिल्ली के पॉश इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से लगभग सात गुना तक ज्यादा दर्ज किया गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार ध्वनि प्रदूषण के स्तर में पिछले तीन सालों में दीवाली के दिन प्रदूषण का स्तर कम रहा. लाजपत नगर, मयूर विहार, पितमपुरा, जनकपुरी में ध्वनि प्रदूषण का स्तर पिछले साल से मामूली कम रहा. वायु प्रदूषण में भी तीन सालों के मुकाबले कम रहा है. कार्बन, ओजोन और अमोनिया का स्तर बड़ा. कार्बन का स्तर पर पूरी दिल्ली में काफी बढ़ा. दिलशाद गार्डन में 983 से बढकर 1423 और डीएमएस में 1596 के मुकाबले 1789 बढ़ा.

दीवाली के दिन दोपहर बारह बजे से लेकर शुक्रवार बारह बजे के बीच 24 घंटे के दौरान प्रदूषण का स्तर (पीएम 2.5) सामान्य से 6.6 गुणा अधिक दर्ज किया गया. पिछले चौबीस घंटे के दौरान पीएम 2.5 397 माईक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया जो सामान्य से 6.6 गुणा अधिक है. दीवाली से पहले चौबीस घंटे के दौरान पीएम 2.5 का स्तर 184 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया था. सनद रहे कि पीएम 2.5 का सामान्य स्तर 60 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर है.

इससे अधिक स्तर सेहत के लिए खतरनाक होता है. सीएसई का कहना है कि इस बार प्रदूषण का स्तर इस मायने में भी अधिक है कि पिछले वर्ष 30 अक्टूबर को दिवाली होने से तापमान में कमी आयी थी और वातावरण में नमी की मात्रा भी ज्यादा थी. इतना ही नहीं पिछले वर्ष दीपावली से पहले पड़ोसी राज्यों में पराली जलनी शुरू हो गई थी, जिसका प्रदूषण दिल्ली तक पहुंचा था, लेकिन इस बार अभी पराली जलना शुरू नहीं हुआ है, फिर भी प्रूदषण का स्तर सामान्य से 6.6 गुना अधिक दर्ज किया गया है.

सहारा न्यूज ब्यूरो


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment