दिल्ली में पानी को लेकर हाहाकार, नहीं शुरू हुए सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र

Last Updated 16 Oct 2017 06:39:54 AM IST

यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कारण दिल्ली के भागीरथी और सोनिया विहार जलशोधन संयंत्र शुक्रवार रात से बंद हैं, जिससे पानी के लिए हाहाकार मच गया है.


सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र बंद (फाइल फोटो)

इस कारण पूर्वी दिल्ली, मध्य दिल्ली के अलावा दक्षिण दिल्ली में शनिवार से पेयजल आपूर्ति प्रभावित है. इस कारण जल 240 एमजीडी पानी का शोधन और वितरण बंद हो गया है. दिल्ली जल बोर्ड टैंकरों से जलापूर्ति का दावा करता है, लेकिन प्रभावित इलाकों के लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे है.

ऐसा नहीं है कि पहली बार यमुना के जल में अमोनिया की मात्रा बढ़ी है. जब भी हरियाणा में सिंचाई के लिए पानी की मांग बढ़ती है तो हरियाणा सिंचाई विभाग यमुना से अपने हिस्से के अधिक पानी को लेकर पानीपत नगर निगम का सीवेज वाटर और समालखा से औद्यौगिक कचरा यमुना छोड़ दिया जाता है.

यमुना पानी में औद्यौगिक कचरा गिरते ही यमुना का जल प्रदूषित हो जाता है. इसके साथ ही पानी में आमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है. वर्ष 2014 में चार बार यह स्थिति निर्मित हुई थी और वर्ष 2015 में भी चार बार यह स्थिति उत्पन्न हुई थी. वर्ष 2016 में दो बार यमुना के पानी में आमोनिया की मात्रा बढ़ने से जलशोधन संयंत्रों को बंद करना पड़ा था. वर्ष 2017 में दूसरी  बार स्थिति निर्मित हुई है.



यमुना में औद्योगिक कचरा छोड़ने वालों पर न तो हरियाणा सरकार ने कोई कार्रवाई की और न मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को कोई तरजीह दी है. इस कारण पानीपत नगर निगम और समालखा औद्यौगिक एरिया का कचरा बिना शोधित किए यमुना में डाल दिया जाता है.  
 
दिल्ली जलबोर्ड ने इस मामले में दिल्ली के प्रमुख सचिव से लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों और हरियाणा  सिंचाई विभाग के अधिकारियों तथा हरियाणा सरकार के प्रमुख सचिव को अवगत करा दिया है. जलबोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि यमुना जल में अमोनिया की मात्रा कम हुई, लेकिन समाप्त नहीं हुई है. देर रात तक दोनों जल शोधन संयंत्रों में जल शोधन शुरू हो सकता है.

 

 

सहारा न्यूज ब्यूरो


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