दिल्ली हाईकोर्ट में बम होने की धमकी वाले फोन के बाद परिसर में प्रवेश नहीं कर सके आपात वाहन
दिल्ली हाईकोर्ट में आज एक बम रखे होने की धमकी वाला एक गुमनाम फोन कॉल आने के बाद आपात और त्वरित प्रतिक्रिया बलों के वाहन वहां वकीलों के लिये निर्धारित पार्किंग लॉट के कुप्रंधन के कारण परिसर में प्रवेश नहीं कर सके. बहरहाल, फोन कॉल फर्जी साबित हुआ.
दिल्ली हाईकोर्ट में बम की फर्जी फोन कॉल (फाइल फोटो) |
पुलिस ने बताया कि किसी व्यक्ति ने नियंत्रणकक्ष में फोन कर अदालत परिसर के भीतर बम लगाने का दावा किया था. इसके बाद पूरे अदालत परिसर की गहन छानबीन की गई. इस अदालत में पहले भी दो बार विस्फोट की घटना हो चुकी है.
अदालत को सतर्क कर दिया गया और पुलिस तथा अन्य आपात सुरक्षा टीमें वहां पहुंच गयीं. लेकिन दमकल गाड़ियां, एंबुलेंस, दिल्ली पुलिस के एसडब्ल्यूएटी वाहन तथा बम निष्क्रिय करने वाले दस्तों के वाहन उच्च न्यायालय के मेन गेट (गेट संख्या 7) से अंदर प्रवेश नहीं कर सके क्योंकि वहां वकीलों की गाड़ियों की पार्किंग का क्षेत्र अस्त व्यस्त स्थिति में था.
वकीलों की कारों के कारण पार्किंग क्षेत्र में जाम होने के कारण आकस्मिक सेवाओं के वाहनों के अंदर प्रवेश नहीं कर पाने के कारण बनी स्थिति से निपटने के लिए अपराह्न में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हुयी.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (एसीजे) गीता मित्तल के सचिवालय से जुड़े सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि बैठक में एसीजे, दो वरिष्ठ न्यायाधीश, विशेष आयुक्त कानून व्यवस्था (दक्षिण) पी कामराज और दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन अध्यक्ष कीर्ति उप्पल भी शामिल हुए.
उच्च न्यायालय परिसर में बम होने संबंधी फोन सुबह करीब 11 बजे आया और दिल्ली पुलिस के त्वरित प्रतिक्यिा बल के कमांडो फौरन उच्च न्यायालय के द्वार संख्या पांच पर तैनात कर दिए गए. उनके साथ बम निरोधक दस्ते और दमकल वाहनों को भी तैनात किया गया.
बम दस्ते को सतर्क कर दिया गया और परिसर की गहन जांच की गई. बहरहाल, फोन कॉल फर्जी साबित हुई. जांच के दौरान खोजी कुत्ते भी तैनात किए गए. पुलिस बम संबंधी फोन करने वाले व्यक्ति की तलाश कर रही है जिसने बाद में अपना फोन बंद कर दिया.
अदालत सूत्रों ने बताया कि एसीपी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उच्च न्यायालय में रहे और उन्होंने इस संबंध में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल डी के शर्मा के साथ बैठक की.
दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पदाधिकारी अभिजात ने पुष्टि की कि पुलिस को ऐसा फोन किया गया था . उन्होंने बताया पुलिस को एक कॉल मिली और तलाशी जारी है. हालांकि इससे कामकाज और अदालत की कार्यवाही प्रभावित नहीं हुई.
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