दो साल तक गंदे कमरे में कैद रखा गया किशोरी को

Last Updated 08 May 2017 06:15:57 AM IST

जहां बेटियों के विकास और बचाव के लिए हर कदम पर नए-नए प्रयासों की कवायदें जारी हैं, वहीं राजधानी के पांडव नगर इलाके में 17 वर्षीय एक किशोरी पर अत्याचार की ऐसी घटना प्रकाश में आई है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है.


किशोरी को दो साल तक गंदे कमरे में कैद रखा गया.

किशोरी को एक फ्लैट में पिछले दो सालों से गंदगी के अंबार के साथ बंद करके रखा गया, जहां उसकी हालत बेहद कमजोर हो गई. इस बारे में पता लगते ही पुलिस ने किशोरी को फ्लैट से मुक्त करवा लिया है. पीड़िता को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालांकि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद पीड़िता ने बयान दिया है कि वह खुद की मर्जी से फ्लैट में रह रही थी, लेकिन पुलिस बयान को किसी प्रकार के डर प्रभावित होने की आशंका के चलते मामले की गहराई से छानबीन कर रही है. बताया जा रहा है कि किशोरी डिप्रेशन की शिकार है.

पूर्वी रेंज के संयुक्त आयुक्त रविंद्र यादव के मुताबिक पुलिस को इस बारे में जैसे ही सूचना मिली कि एक किशोरी को करीब दो सालों से एक फ्लैट में बंद करके रखा गया है तो पुलिस ने गणोश नगर कॉम्प्लेक्स, जी ब्लॉक पांडव नगर स्थित दूसरी मंजिल पर जांच की. वहां भेजे गए सिपाही ने जब इस घटना की हकीकत को देखा तो पता लगा कि फ्लैट में एक किशोरी बंद है.

शाम के वक्त जब किशोरी की मां उसके लिए खाना लेकर फ्लैट पर पहुंची तो कांस्टेबल ने फ्लैट की हालत देखी जो काफी जर्जर हालत में था और किशोरी एक पलंग पर लेटी थी, जिससे कमजोरी की वजह से ठीक से बोला भी नहीं जा रहा था. इस बाबत सिपाही ने मामले की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी और इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और एक गैर-सरकारी संस्था की मदद से फ्लैट खोलकर किशोरी को बाहर निकाला. किशोरी बेहद कमजोर हालत में थी जिसे इलाज के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती कराया गया. मेडिकल जांच में पता लगा कि किशोरी का ब्लड प्रेशर काफी कम था और शायद उसने कई दिनों से खाना भी नहीं खाया था.



इस फ्लैट में सिर्फ एक पलंग और एक बल्ब लगा हुआ था. इतना ही नहीं फ्लैट में गंदगी का अंबार लगा हुआ था जिस कारण वहां सांस लेना भी दूभर था. हालांकि जब पुलिस ने किशोरी से पूछताछ की तो किशोरी ने बयान दिया कि वह अपनी मर्जी से फ्लैट में करीब पिछले दो-तीन महीनों से अकेली रह रही थी. किशोरी ने बताया कि उसे लोगों से मिलना-जुलना पसंद नहीं है और इसी वजह से वह अकेली रह रही थी. प्राथमिक जांच के आधार पर पुलिस का मानना है कि किशोरी घरेलू कलह की वजह से डिप्रेशन की शिकार हो गई जिस कारण वह अकेले रहना चाहती है.

मां ने बंधक बनाने से किया इनकार


इस मामले के प्रकाश में आने के बाद किशोरी की मां कृष्णा घोष (44) ने बयान दिया कि उसने अपनी बेटी को बंधक बनाकर नहीं रखा है. वह खुद अपनी मर्जी से अकेले रह रही है और जब भी उसने अपनी बेटी को साथ में लाने की बात कही उसने मना कर दिया. बताया गया कि कृष्णा घोष का अपने पति धनंजय घोष से वर्ष 2011 से विवाद चल रहा है. महिला की दो बेटियां हैं. इस बाबत महिला ने कड़कड़डूमा अदालत में अपने पति के खिलाफ केस डाला हुआ है. कृष्णा घोष फिलहाल अपनी 22 साल की बेटी को लेकर अलग किराए के फ्लैट में पांडव नगर में ही रही है.

 

 

समयलाइव डेस्क


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