कपिल मिश्रा को मंत्री पद से हटाया, कैलाश गहलौत और राजेन्द्र पाल गौतम बनेंगे मंत्री
कुमार विश्वास का साथ देना जल मंत्री कपिल मिश्रा को महंगा पड़ा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल करते हुए कपिल मिश्रा को हटाकर कैलाश गहलोत को जगह दी.
कपिल मिश्रा मंत्रिमंडल से हटाये जाने के बाद विजयी का निशान दिखाते हुए. |
पूर्व में सेक्स स्कैंडल में हटाए गए महिला व बाल विकास मंत्री संदीप कुमार की जगह राजेन्द्रपाल गौतम को मंत्रिमंडल में शामिल करने का निर्णय लिया है. दोनों मंत्रियों का शपथग्रहण समारोह सोमवार को संभावित है क्योंकि मंगलवार को विधान सभा का विशेष सत्र भी है जिसमें मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य उपस्थित होंगे. दोनों नए मंत्री पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव भी होगा. हालांकि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि जल प्रबंधन का कार्य ठीक से न कर पाने के कारण कपिल मिश्रा को हटाया गया है. उधर कपिल मिश्रा को हटाने के बाद कुमार विश्वास ने एक शेर ट्वीट किया है.
मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी के बाद कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रखेंगे. कपिल मिश्रा ने कहा कि जल बोर्ड के टैंकर घोटाले में एसीबी के अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है. कपिल ने लगातार पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को टैंकर घोटाले में घेरने की कोशिश की है.
उनके ट्वीट को कुमार विश्वास व अलका लांबा ने भी समर्थन में रिट्वीट किया. इसके साथ ही कुमार विश्वास ने एक शेर भी लिखा है. (अगर तू दोस्त है तो फिर ये खंजर क्यों है हाथों में, अगर दुश्मन है तो आखिर मेरा सर क्यों नहीं जाता) यानि मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ सरकार में अंर्तद्वंद्व की आशंका और गहरा गई है. कपिल मिश्रा मुख्यमंत्री के बेहद खास माने जाते रहे हैं, लेकिन कुमार विश्वास के साथ नजदीकी बढ़ाते ही उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आठ महीने पूर्व संदीप कुमार को बर्खास्त किया व उनके विभाग का जिम्मा उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दे दिया. अब उन्होंने संदीप के स्थान पर राजेन्द्र पाल गौतम को मंत्री परिषद में शामिल करने का निर्णय लिया है. उधर, नजफगढ़ के विधायक कैलाश गहलोत को कपिल मिश्रा की जगह लाया गया है.
दिल्ली सरकार के मंत्रियों के पास विभाग के वितरण में भारी असामनता है. कुछ मंत्रियों के पास आधा दर्जन महत्वपूर्ण विभाग हैं जबकि अन्य मंत्री के पास अपेक्षाकृत कम महत्व के विभाग हैं. मुख्यमत्री के पास विभागों के सम वितरण की चुनौती भी है. साथ ही दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल में एक भी महिला मंत्री को नहीं शामिल किया गया है जिस कारण विपक्ष ने दिल्ली सरकार पर लगातार हमला बोला है.
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