केजरीवाल ने किया साफ, कुमार विश्वास के साथ कोई मनमुटाव नहीं

Last Updated 30 Apr 2017 09:31:00 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इस बात से इंकार किया कि वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास के साथ किसी तरह कोई मनमुटाव है.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

केजरीवाल ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब इसके पहले आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान ने रविवार को कुमार विश्वास पर आरोप लगाया कि वह पार्टी तोड़ने की साजिश रच रहे हैं और उन्होंने कुछ विधायकों से 30-30 करोड़ रुपये के बदले भाजपा में शामिल होने के लिए कहा है.

इसके तत्काल बाद केजरीवाल ने कहा कि उनके और कुमार विश्वास के बीच मनमुटाव पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं. विश्वास आप के संस्थापकों में हैं और केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीश सिसोदिया के लंबे समय से मित्र हैं.

खान ने व्हाट्सएप पर एक संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि विश्वास ने कुछ आप विधायकों को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस पेशकश के साथ अपने घर बुलाया है.

ओखला के विधायक ने कहा, "कुमार विश्वास ने कुछ विधायकों को बुलाया और कहा कि उन्हें पार्टी का संयोजक बनाया जाना चाहिए."

उसके बाद उन्होंने विधायकों के सामने दूसरा प्रस्ताव भाजपा में शामिल होने का रखा, जो प्रत्येक विधायक को 30-30 करोड़ रुपये देने का तैयार है.

खान ने कहा, "मुझे लगता है कि यह सब भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि आप के चार विधायकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है और वे कुमार विश्वास से विधायकों की मुलाकात का बंदोबस्त करा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इन चारों विधायकों ने एक अनाम मंत्री के आवास पर बैठक की.



खान ने कहा कि 10 अनाम विधायकों ने यह जानकारी उन्हें दी.

लेकिन केजरीवाल ने ट्वीट किया कि कुमार विश्वास "मेरे छोटे भाई जैसे हैं."

उन्होंने कहा, "कुछ लोग यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारे बीच दूरी है. ऐसे लोग पार्टी के दुश्मन हैं. उन्हें अपने रास्ते बदलने चाहिए. कोई हमें अलग नहीं कर सकता."

खान ने इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने इसलिए यह संदेश प्रसारित किया है, क्योंकि विश्वास आप को तोड़ना चाहते हैं.

कुमार विश्वास ने शुक्रवार को एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि पार्टी दिल्ली नगर निगम चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अपने नेतृत्व परिवर्तन पर विचार करने में नहीं हिचकेगी.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों के लिए हुए चुनाव में आप भाजपा से काफी पीछे रह गई. जबकि कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही.

विश्वास ने कहा था कि चुनावी हार के लिए पूरी तरह ईवीएम को दोष देना गलत है, क्योंकि जनता में पार्टी को लेकर अविश्वास है.

आईएएनएस


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment