दिल्ली 'विनाश' प्राधिकरण है डीडीए : सत्येन्द्र जैन
मंत्री सत्येन्द्र जैन ने डीडीए को दिल्ली 'विनाश' प्राधिकरण करार दिया. वह भाजपा नेता विजेन्द्र गुप्ता द्वारा विधानसभा में लगाए गए आरोपों का जवाब दे रहे थे कि केजरीवाल सरकार ''जानबूझ'' कर भूमि संग्रह नीति को अधिसूचित करने में देरी कर रही है.
सत्येन्द्र जैन (फाइल फोटो) |
सत्येन्द्र जैन ने कहा कि देरी इसलिए हो रही है क्योंकि सरकार ने डीडीए से अनुरोध किया है कि इस योजना के तहत चुने गए गांवों की जमीन के अपने हिस्से से 10-12 प्रतिशत भूमि योजना के तहत विकसित करने के लिए अलग रखे, लेकिन प्राधिकरण इसपर जवाब नहीं दे रहा है.
दिल्ली विधानसभा के आज से शुरू हुए दो दिवसीय सत्र के दौरान, भोजनावकाश से पहले दोनों पक्षों में यह बहस हुई. सदन के चौथे सत्र का यह छठा हिस्सा है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा, ''हम भूमि में सीमित हिस्सा चाहते हैं. सरकार इसका वाणिज्यिक प्रयोग नहीं करेगी, बल्कि स्कूल और दमकल स्टेशन जैसी सुविधाओं की स्थापना करेगी. हम कंक्रीट के जंगल नहीं चाहते हैं. लेकिन डीडीए जवाब नहीं दे रहा है.. डीडीए विकास प्राधिकरण नहीं बल्कि विनाश प्राधिकरण है.''
इससे पहले विजेन्द्र गुप्ता की टिप्पणी के वाद विवाद खड़ा हुआ था. उन्होंने कहा था कि 89 गांवों को चिन्हित किया जा चुका है और उन्हें शहरी गांव के रूप में अधिसूचित करना है. लेकिन राज्य सरकार मामले को लंबित रखे हुए है.
सदन में विपक्ष के नेता गुप्ता ने कहा, ''इसे जानबूझ कर अधिसूचित नहीं किया जा रहा है. इस कारण लाखों परिवारों को सस्ते मकान नहीं मिल पा रहे हैं और किसानों को अपनी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा.''
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