दिल्ली में पक्षियों की मौत की रोकथाम के प्रयास तेज

Last Updated 23 Oct 2016 12:27:40 PM IST

दिल्ली के डियर पार्क में कल 17 और बतखों की मौत के बाद पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग ने वायरस के नये उपप्रकार एचएन8 वायरस को रोकने के प्रयास तेज कर दिये हैं.


पक्षियों की मौत की रोकथाम के प्रयास तेज

इस संक्रमण पर नियांण के लिए राज्य सरकार और चिड़ियाघर प्राधिकरण को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं.

भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान ने 19 अक्टूबर को सबटाइप वायरस एचएन8 का संक्रमण  पक्षियों में पाए जाने की पुष्टि की है.

यह एक नए प्रकार का सबटाइप है, जो देश में पहली बार पाया गया है वर्ष 2015 के दौरान 11 देशों में और 2016 के दौरान चार देशों  में एर्चएन8 पाए जाने की रिपोर्ट मिली है. डियर पार्क में इससे पूर्व पांच और बतखों की मौत हो गयी थी.

संस्थान ने नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में मरे पक्षियों के नमूनों में एर्च् एवियन इनफ्लूएंजा वायरस पाया था. इससे पहले जालंधर की उत्तरी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला में इन्हीं नमूनों में इन्फ्लुएंजा ए वायरस पाया गया था.

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में 14 से 17 अक्टूबर के बीच नौ पक्षी मरे थे जिनमें पांच रोजी पेलिकन, तीन बतख और एक पेंटेड स्टोर्क था.

पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मांलय से भी अनुरोध किया है कि वह देश में सभी वन्य जीव/पक्षी अभयारण्यों को अलर्ट पर रहने और इस रोग की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह जारी करें.

इसबीच केन्द्र सरकार ने पक्षियों की हो रही मौत पर कड़ी नजर रखने के लिये तीन सदस्यीय समिति गठित की है. वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा है कि राज्य स्तरीय एजेंसियों के साथ तालमेल से केन्द्रीय एजेंसियां स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है. राष्ट्रीय जैविक उद्यानों के आसपास एर्च एवियन इंफ्लूएंजा पर करीबी नजर रखी जा रही है.

उल्लेखनीय है कि डियर पार्क में 2000 से अधिक बतख तथा दूसरे पक्षी रहते हैं. राष्ट्रीय प्रणी उद्यान और डियर पार्क को पक्षियों के मरने की जानकारी मिलने के बाद से बंद कर दिया गया है तथा इन स्थानों पर साफ साफायी तथा कीटनाशकों का विशेष रूप से छिडकाव किया जा रहा है.

वार्ता


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