संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए प्रस्ताव मांगे गए: केजरीवाल

Last Updated 22 Oct 2016 05:26:39 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में अपने विभिन्न विभागों से 15 नवम्बर तक प्रस्ताव मांगे हैं.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

केजरीवाल ने यद्यपि संकेत दिया कि यदि उप राज्यपाल नजीब जंग ने सरकार के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी नहीं दी तो वह उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी क्योंकि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में न्यायालय का एक आदेश है.

उन्होंने संवाददाताओं से यहां कहा, ‘‘दिल्ली कैबिनेट ने सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का गत वर्ष निर्णय किया था. इसकी शुरूआत करते हुए शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया था और उसे उपराज्यपाल की मंजूरी के लिए उनके पास भेजा गया था. यद्यपि उपराज्यपाल ने अभी तक उसे अपनी मंजूरी नहीं दी है.’’

उन्होंने कहा कि अलग-अलग विभागों से एक श्रृंखला में प्रस्ताव प्राप्त करने की बजाय, ‘‘हमने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रस्ताव 15 नवम्बर तक भेज दें ताकि सरकार सभी प्रस्तावों पर एकसाथ निर्णय ले सके.’’

निर्णय मुख्यमंत्री के आवास पर उनकी अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की एक बैठक में किया गया. मुख्य सचिव के के शर्मा को विभिन्न विभागों के प्रस्तावों की प्रगति की निगरानी का निर्देश दिया गया है.



केजरीवाल ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का उमा देवी निर्णय था जिसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के बारे में कुछ शत्रें उल्लेखित की गई हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘फैसले के तहत इसके लिए एक खुली परीक्षा होनी चाहिए. इसके अलावा संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के दौरान अनुभव और आयु पर कुछ छूट दी जा सकती है. हमने गेस्ट शिक्षक का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा था लेकिन उन्होंने उसे वापस लौटा दिया. उन्होंने अनुभव छूट पर आपत्ति जतायी थी.

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार उसे फिर से उपराज्यपाल को भेजेगी. यदि वह मंजूर नहीं हुआ, तब हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे.’’

 

 



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