दिल्ली महिला आयोग का बंसल आत्महत्या मामले पर सीबीआई को नोटिस

Last Updated 29 Sep 2016 02:29:18 PM IST

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने बंसल आत्महत्या मामले पर सीबीआई के निदेशक अनिल कुमार सिन्हा को नोटिस जारी किया है.


फाइल फोटो

कापरेरेट मामलों के पूर्व महानिदेशक बीके बंसल की कथित आत्महत्या के मामले में मीडिया रिपोटरें पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक अनिल कुमार सिन्हा को नोटिस जारी कर कानून के तहत इस पर की गयी कार्रवाई की 48 घंटे के भीतर जानकारी देने को कहा है.

बंसल को करीब दो माह पूर्व ब्यूरो ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था. उसके कुछ ही दिन बाद उनकी पत्नी और पुत्री ने आत्महत्या कर ली थी.  बंसल और उनके पुत्र ने भी सोमवार को सीबीआई पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली.  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिता-पुत्र ने आत्महत्या को लेकर नौ पृष्ठों का एक सुसाइट नोट छोड़ा है जिसमें ब्यूरो के दो अधिकारियों और एक हवलदार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है.

सुसाइट नोट में पूर्व अधिकारी ने ब्यूरो पर उन्हें और उनके परिवार के तीन सदस्यों को परेशान करने का आरोप लगाया है और कहा कि इसी कारण वे अपनी जान देने को मजबूर हुए हैं. बंसल ने नोट में लिखा है कि ब्यूरो के अधिकारियों ने उनकी पत्नी और पुी को शारीरिक रूप से प्रताड़ना दी.

बंसल के पुत्र ने अपने सुसाइट नोट में आरोप लगाया है कि उसे, उसकी मां और बहन को मानसिक और शारीरिक रूप से ब्यूरो के पांच अधिकारियों ने प्रताड़ित किया जिससे वे यह कदम उठाने को मजबूर हुए.
 

सुश्री मालीवाल ने ब्यूरो के निदेशक को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि प्रथम दृष्टया यह मामला कथित रूप से प्रताड़ना का है. दिल्ली महिला आयोग इससे बहुत चिंतित है. आयोग ने ब्यूरो से जानकारी मांगी है कि क्या  इस मामले में स्वतां जांच का अनुरोध किया गया है, यदि नहीं तो इसके पीछे क्या कारण है.

सुसाइट नोट में ब्यूरो के जिन अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है, वे ऊंचे पद पर हैं. इसके अलावा नोट में एक वरिष्ठ राजनेता का नाम भी है. इसे देखते हुए ब्यूरो ने पारदर्शी और स्वतां जांच के लिए क्या कदम उठाये हैं. नोट में जिन लोगों के नाम हैं,ब्यूरो ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है.

क्या नोट में नामित व्यक्तियों के नाकरे परीक्षण की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है. यदि ऐसा नहीं है तो इसके पीछे क्या कारण है. इन सभी सवालों का जवाब आयोग ने पा प्राप्ति के 48 घंटे के भीतर ब्यूरो से उपलब्ध कराने के लिये कहा है.

वार्ता


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