चुनाव आयोग को भेजा 21 विधायकों को दी जा रही सुविधाओं का ब्योरा
दिल्ली सरकार ने चुनाव आयोग को 21 संसदीय सचिवों पर हुए खर्च के ब्योरे की सही व विस्तृत जानकारी भेज दी है.
(फाइल फोटो) |
इनमें विधायकों को दिए कमरे, उन पर विभागों द्वारा किए गए खर्च की राशि, कमरे व फर्नीचर आदि की सुविधा व उनके द्वारा मीटिंगों में भाग लेने की जानकारी दी गई है.
आयोग द्वारा मई व जून में भेजे दो पत्रों के जवाब में पर्याप्त और सही जानकारी नहीं देने पर तीसरे पत्र में कड़ा रूख अपनाया तथा मुख्य सचिव से सीधी बात की गई. इसके बाद विभागों से सख्ती से आंकड़े जुटाकर चुनाव आयोग को जानकारी भेजी गई है. इसके आधार पर चुनाव आयोग लाभ के पद के मामले पर 21 विधायकों के भाग्य का फैसला कर सकेगा.
दिल्ली सरकार ने चुनाव आयोग को बताया कि लोक निर्माण विभाग ने 21 संसदीय सचिवों को दिए कमरों में एक्जीक्यूटिव कुर्सी और आगंतुकों के लिए फर्नीचर की सुविधा देने के मद में 11,75,828 रपए खर्च किए. इस मद में 13,26,300 रुपए का प्रावधान किया गया था.
साथ ही लोक निर्माण विभाग ने चार विधायकों सरिता सिंह, जरनैल सिंह, संजीव झा और नरेश यादव के लिए दिल्ली सचिवालय में केबिन बनवाने के लिए 3,73,871 रूपए खर्च किए, इसमें सिविल और इलेक्ट्रिकल के काम के साथ कंप्यूटर और इंटरनेट लगाने जैसे काम भी शामिल हैं.
चुनाव आयोग को जानकारी दी गई कि विधायक आदर्श शास्त्री को मुंबई में 5 और 6 नवंबर को आईटी से संबंधित कांफ्रेस में शामिल होने के लिए 15,479 रूपए निर्गत किए गए.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ आदर्श शास्त्री ने वाई फाई लगाने के लिए मीटिंग में शिरकत की और 30 अगस्त को शास्त्री कैबिनेट की बैठक में कंसलटेंट नियुक्ति के मामले में शामिल हुए.
शिक्षा विभाग से संबंधित बैठक में विधायक प्रवीण कुमार भी शामिल हुए. विकास विभाग की एक मीटिंग की अध्यक्षता 27 मई को जरनैल ने की जब विभाग के मंत्री अनुपस्थित थे. विधायक संजीव झा डीटीसी की बैठक में शामिल हुए जिसमें ऑड ईवन प्रणाली के दौरान काम करने के बाद ठेके पर काम करने वालों की पगार देने का मामला हल होना था.
दिल्ली सरकार से चुनाव आयोग को भेजे जवाब में कहा गया है कि अलका लांबा को भी दो कमरे उपलब्ध कराए गए जिसका नवीनीकरण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया गया.
जल बोर्ड के कार्यालय में प्रवीण कुमार, शरद चौहान, आदर्श शास्त्री, मदन लाल, नरेश यादव, जरनैल सिंह, राजेश रिषि को कमरे उपलब्ध कराए गए. यानी विधायकों को दिए गए कमरे संिहत पूरी जानकारी अब चुनाव आयोग को भेजी जा चुकी है.
| Tweet |