महिलाओं को बस चालक बनाने में प्रोत्साहन के लिए गैर सरकारी संगठनों की मदद लेगी डीटीसी
दिल्ली परिवहन निगम की बसें चलाने के लिए महिला चालकों को नियुक्त करने में आ रही कठिनाइयों के बाद निगम ने सरकारी बसें चलाने के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने के मकसद से गैर सरकारी संगठनों से मदद मांगी है.
फाइल फोटो |
उल्लेखनीय है कि तेलंगाना की वेंकादरथ सरिता की पिछले साल अप्रैल में पहली महिला चालक के तौर पर निगम में नियुक्त हुयी थीं. इसके बाद पिछले एक साल के दौरान निगम एक भी महिला चालक को नहीं नियुक्त कर सका.
डीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हम महिला सशक्तिकरण और महिला कल्याण के लिए काम करने वाले अनेक गैर सरकारी संगठनों को चिट्ठी लिखेंगे कि वह महिलाओं को निगम के साथ चालक के रूप में कैरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वह हमारे यहां चालक के तौर पर आवेदन करने के लिए आगे आयें.’
अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर महिलायें चालक के पेशे को अपनाने में संकोच करती हैं और इसीलिए उन्हें डीटीसी के चालक के तौर पर प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है.
उल्लेखनीय है कि डीटीसी बोर्ड की हालिया बैठक में महिला चालकों को नियुक्त करने का निर्णय किया गया था.हालांकि सरकारी बस निगम में 250 महिला परिचालक हैं, लेकिन निगम में सिर्फ एक ही महिला चालक है.
उन्होंने बताया, ‘डीटीसी में महिला चालकों की नियुक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए हमने नियमों में भी ढील दी है.डीटीसी में पुरष को चालक के आवेदन की उम्र सीमा 35 वर्ष है, जबकि महिला चालकों के आवेदन के लिए हमने 40 साल की उम्र सीमा तय की है.’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम महिला चालकों को प्रशिक्षण के बाद भारी वाहनों को चलाने वाला लाइसेंस दिलाने में भी मदद करेंगे.
पिछले साल अप्रैल में वेंकादरथ सरिता को डीटीसी की पहली महिला चालक के तौर शामिल किया गया था, लेकिन उसके बाद कोई भी महिला चालक के तौर पर कैरियर बनाने के लिए सामने नहीं आयी.
राजधानी दिल्ली में महिला आटो चालक, महिला कैब चालक तो हैं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन वाली बसों में महिला चालक को देखना दिलचस्प है.
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने उस समय तेलंगाना के नालगोंडा जिले की रहने वाली सरिता को डीटीसी के चालक के तौर पर चुनौतीपूर्ण कैरियर चुनने पर तारीफ की थी.डीटीसी के अधिकारियों ने भी उनके इस निर्णय की प्रशंसा की थी.
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