दिल्ली पुलिस की भर्ती में फर्जीवाड़ा, चार गिरफ्तार

Last Updated 27 Aug 2016 06:41:07 AM IST

दिल्ली पुलिस की भर्ती में फर्जीवाड़े का एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है.




दिल्ली पुलिस की भर्ती में फर्जीवाड़ा

जिनमें तीन ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर बतौर कांस्टेबल की नौकरी हासिल की थी. आरोपियों की पहचान झज्जर, हरियाणा निवासी कांस्टेबल अशोक (28), विजय (25), विनोद चिकारा (28) व वेस्ट करावल नगर निवासी मोहित के तौर पर हुई है. चौथा आरोपी बॉयामेट्रिक कंपनी में काम करता था.

संयुक्त पुलिस आयुक्त रविन्द्र यादव ने बताया इस फर्जीवाड़े की शिकायत अमित कुमार ने क्राइम ब्रांच में की थी. शिकायतकर्ता ने बताया एक गैंग दिल्ली पुलिस, रेलवे पुलिस, रेलवे ग्रुप डी व एसएससी में एक्टिव है. वर्ष 2012 में इस गैंग ने दिल्ली पुलिस की भर्ती के लिये दस लोगों से बारह लाख रुपए लिये थे.

रेलवे में ग्रुप डी की सर्विस के लिये प्रत्येक उम्मीदवार से चार लाख रुपए और रेलवे पुलिस के लिए सात लाख रुपए यह गैंग वसूलता है. बकायदा, गैंग के सदस्य फर्जी मार्कशीट, फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस व दस्तावेज भर्ती के लिये मुहैया करवाता है.

वर्ष 2012 और 2013 में इस गैंग की मदद से कुछ उम्मीदवार दिल्ली पुलिस में भर्ती भी हो चुके हैं. इस बाबत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई. पुलिस की तहकीकात में पता चला कि विजय, अशोक और विनोद ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी.

अशोक और विजय वर्ष 2012 में भर्ती हुए थे जबकि इस स्कैम का मास्टरमाइंड विनोद चिकारा का चयन वर्ष 2010 में हुआ था. दस अगस्त को पुलिस ने अशोक, विजय और विनोद चिकारा (तीनों कांस्टेबल) को गिरफ्तार किया. इनसे हुई गहन पूछताछ के बाद गैंग में शामिल मोहित को भी दबोच लिया गया. मोहित बायोमेट्रिक कंपनी मेसर्स आईबोइस प्राइवेट लिमिटिड में कार्यरत था.

इसी की मदद से भर्ती के समय प्रश्नपत्र हल करने वालों को स्टैंप और हैंड बैंड मुहैया करवाये थे. आरोपी विनोद ने खुलासा किया कि अन्य आरोपियों के पेपर भी उसने ही सोल्व किये थे. हरियाणा के रहने वाले राकेश ने फर्जी प्रमाणपत्र मुहैया करवाये थे जबकि नारनौल निवासी सोनी और स्वामी ने इन लोगों के लिये परीक्षा पत्र हल किये थे.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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