डीडीए की आवासीय योजना-2016 लटकी, पुराने फ्लैटों की कीमत घटाने का प्रस्ताव किया खारिज

Last Updated 24 Aug 2016 06:18:10 AM IST

डीडीए की प्रस्तावित आवासीय योजना-2016 फिलहाल लटक गयी है. इसकी वजह फ्लैटों की निर्धारित कीमतों पर वित्त विभाग की आपत्ति बतायी जा रही है.




डीडीए की आवासीय योजना (फाइल फोटो)

डीडीए के अधिकारियों का सुझाव था कि पुराने फ्लैटों को आने वाली आवासीय योजना में शामिल करने से पहले कीमतों को कम किया जाये लेकिन वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति लगा दी है.

शायद यही वजह है कि डीडीए की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखा ही नहीं गया. जबकि डीडीए के आला अधिकारियों का कहना था कि अगस्त की बोर्ड बैठक (यह बैठक हो चुकी है) में नयी आवासीय योजना का प्रस्ताव रखा जायेगा. प्रस्तावित आवासीय योजना में करीब 12 हजार फ्लैट शामिल करने की योजना है. खासबात यह है कि डीडीए आने वाली आवासीय योजना में आवंटियों पर 5 साल तक फ्लैट न बेचने की शर्त को हटा सकता है.

डीडीए करीब छह महीने से आवासीय योजना लाने की तैयारी कर रहा है. डीडीए के अधिकारी चाहते हैं कि प्रस्तावित आवासीय योजना में उन फ्लैटों को शामिल किया जाये, जो  आवासीय योजना-2014 के आवंटियों ने लौटाये हैं.

सूत्रों का कहना है कि कुछ अधिकारियों का सुझाव था कि यदि फ्लैटों की कीमत कम कर दी जाये, तो आवेदनकर्ताओं का इन फ्लैटों के प्रति रुझान बढ़ जायेगा. अधिकारियों ने करीब 10 फीसद कीमत करने का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया था, लेकिन वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जतायी. वित्त विभाग का तर्क था कि इंडेक्स प्राइज-2016 के मुताबिक फ्लैटों की कीमत में इजाफा होना चाहिए. वित्त विभाग की आपत्ति के चलते कीमत घटाने का प्रस्ताव वापस हो गया.



हालांकि इन पुराने फ्लैटों की कीमत बढ़ाने पर अधिकारियों ने फिलहाल हाथ खींच लिया है. उम्मीद है कि पुरानी कीमत पर ही यह फ्लैट प्रस्तावित योजना में शामिल होंगे. दरअसल वर्ष 2014 की आवासीय योजना के दस हजार से अधिक आवंटियों ने अपने फ्लैट डीडीए को वापस कर दिये हैं. जबकि उस योजना में कुल 25,034 फ्लैट शामिल थे.

सूत्रों का कहना है कि आने वाली आवासीय योजना में आवंटियों पर यंह शर्त नहीं थोपी जायेगी कि वह पांच साल तक फ्लैट की बिक्री नहीं कर सकेंगे. डीडीए इस बार पंजीकरण शुल्क बढ़ाने पर विचार कर रहा है.

सूत्रों की मानें तो एमआईजी और एचआईजी फ्लैटों के लिए पंजीकरण राशि पांच लाख रुपए हो सकती है. आने वाली आवासीय योजना में करीब 90 फीसद फ्लैट पुराने ही होंगे. हालांकि करीब दो हजार फ्लैट एमआईजी व एचआईजी श्रेणी के शामिल करने की उम्मीद है.

 

 



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